पी-305 बार्ज के 261 क्रू मेंबर अरब सागर में आए ‘ताऊते’ चक्रवात तूफान में फंस गए थे। नेवी व कॉस्ट गार्ड ने अपने सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन में इसमें से 186 लोगों को सुरक्षित बचा लिया जबकि 70 लोगों का शव बरामद किया था।
चूंकि घटना की FIR मुंबई के यलोनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। लिहाजा नेवी ने बरामद शवों में से 68 शव मुंबई पुलिस को सौंप दिया है। इसमें से 45 शव की शिनाख्त कर पुलिस ने उनके परिजनों को शव अंतिम संस्कार के लिए सौंप दिया है।
पुलिस उपायुक्त गणेश शिंदे ने बताया कि बरामद जो शव समुद्र में पानी की वजह से फुल गए हैं। उनकी शिनाख्त उनके शरीर के निशान, कपड़ों और गहनों की मदद से की गई। जिन शवों की शिनाख्त करना संभव नहीं है, ऐसे शवों की शिनाख्त करने के लिए मृतकों को आश्रितों का DNA सैंपल लिया जा रहा है ताकि शव की शिनाख्त की जा सके। उन्होंने बताया कि अभी तक 5 DNA सैंपल लिए जा चुके हैं। जबकि 23 शवों की शिनाख्त करना अभी बाकी है।
16 शव और मिले, 8 मुंबई पुलिस को सौंपे गए
पी-305 के 70 क्रू मेंबर के अलावा 16 शव अरब सागर के अलग-अलग तट से और बरामद हुए हैं। नौसेना के पश्चिमी कमांड के प्रवक्ता कमांडर मेहुल कर्णिक ने बताया कि रत्नागिरी जिले के समुद्र तट के पास 8 और गुजरात के वलसाड समुद्र तट के पास 8 अन्य शव बरामद हुई है। रत्नागिरी जिले के समुद्र तट से बरामद 8 शव को मुंबई पुलिस को सौंप दिया गया है। अब इनकी भी शिनाख्त की जा रही है।
मुंबई से 35 किमी दूर समुद्र में डूबी टगबोट का पता चला
भारतीय नौसेना के गोताखोरों ने समुद्र में डूबी एक टगबोट का पता लगा लिया है। पिछले सोमवार को टगबोट डूब गई थी। यह बोट मुंबई से करीब 35 किलोमीटर दूर समुद्र के गहरे पानी में मिली है। गोताखोरों को किसी नाविक का शव नहीं मिला है। टगबोट में कुल 13 नाविक सवार थे, इसमें से 2 नाविकों का रेस्क्यू करने में नौसेना को सफलता मिली है। नाव पर सवार अन्य की डूबने से मौत हो गई है।
तूफान में अनियंत्रित होकर डूबी थी बोट
17 मई की रात यह बोट ताऊते तूफान की वजह से गेल कन्सट्रक्टर के पास समुद्र में अनियंत्रित हो कर डूब गई थी। समुद्र में फंसी नौकाओं को किनारे लाने के दौरान टगबोट की रस्सी टूट गई। टगबोट कुछ समय तक समुद्र में अनियंत्रित हो गई और कुछ देर बाद डूब गई थी। इसी दिन बार्ज पी-305 भी पानी में डूब गया था। रविवार को नौसेना के गोताखोरों ने पानी के भीतर जाकर बार्ज के नाविकों की तलाश की थी। लेकिन कोई शव नहीं मिला। इसके बाद आईएनएस मकर को टगबोट की खोज का जिम्मा दिया गया।