राजस्थान के कोटा में म्यूकरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस से जूझ रहे 30 से अधिक मरीजों का सरकारी अस्पताल में उपचार चल रहा है। एक डॉक्टर ने इसकी जानकारी दी है। एमबीएस अस्पताल में अपनी टीम के साथ म्यूकरमाइकोसिस से प्रभावित लोगों का उपचार कर रहे डॉक्टर राजकुमार जैन ने बताया कि इनमें से अधिकतर कोविड-19 से उबर चुके मरीज हैं। उन्होंने बताया कि अब तक उन्हें गैर कोविड मरीजों में ब्लैक फंगस का कोई मामला नहीं मिला है।
जैन ने रविवार को बताया कि एमबीएस अस्पताल में कम से कम 30 मरीजों का ब्लैक फंगस का उपचार चल रहा है इनमें से पांच-छह मरीजों की हालत गंभीर है।एक वार्ड अधिकारी ने बताया कि अधिकतर मरीज कोटा और राजस्थान के पास के जिलों से हैं जबकि दो मरीज मध्य प्रदेश से हैं।
इस बीच कोरोना वायरस से उबर चुके 45 वर्षीय एक व्यक्ति की झालवाड़ से कोटा ले जाने के दौरान ब्लैक फंगस के संक्रमण से मौत हो गयी। उसके परिवार ने इस बारे में बताया। जैन ने बताया कि रामस्वरूप म्यूकरमाइकोसिस के आखिरी चरण में था और इस संक्रमण से मृत्यु दर अत्यधिक है।
उन्होंने बताया, ”ब्लैक फंगस अगर मस्तिष्क में पहुंच जाता है तो मृत्युदर 100 प्रतिशत हो जाती है।” उन्होंने कहा कि शुरुआती चरण में संक्रमण का पता चलने पर ठीक होने की संभावना अधिक रहती है।