हरियाणा काडर के एक आईपीएस अधिकारी ने राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज यादव पर जाति के आधार पर उनका अपमान और प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न निरोधक) कानून के तहत आपराधिक मामला दर्ज करवाने की अर्जी दी है।
पुलिस महानिरीक्षक वाई पूरन कुमार ने अंबाला के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हामिद अख्तर को 19 मई को हरियाणा के पुलिस महानिदेशक यादव के खिलाफ शिकायत दी। कुमार ने अपनी शिकायत में पुलिस प्रमुख के खिलाफ अजा/अजजा कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया है कि डीजीपी को उनसे कुछ ”व्यक्तिगत दिक्कतें हैं क्योंकि वह अनुसुचित जाति से आते हैं।
कुमार ने अपनी शिकायत में कहा कि डीजीपी यादव भेदभावपूर्ण व्यवहार करके किसी ना किसी रूप में उन्हें प्रताड़ित करते, उनका अपमान करते और उन्हें डराते धमकाते थे। कुमार ने आरोप लगाया कि यादव ने अगस्त, 2020 से लेकर अब तक एक पूजास्थल में उनके प्रवेश पर रोक लगा दी है जो अजा-अजजा कानून के तहत प्रताड़ना की श्रेणी में आता है।
शिकायत में कुमार ने कहा है कि अंबाला के यातायात पुलिस थाना, शाहजादपुर के परिसर में बने मंदिर में वह तीन अगस्त, 2020 को गए थे। बाद में डीजीपी ने एक एक अर्द्ध-औपचारिक पत्र में उनसे सवाल किया कि क्या थाना परिसर में धार्मिक स्थल की स्थापना से पहले सरकार की अनुमति ली गई थी। कुमार ने इसपर जवाब दिया कि हरियाणा के ज्यादातर थाना परिसरों में ऐसे धार्मिक स्थल हैं और उनके निर्माण के लिए सरकार से पूर्वानुमति नहीं ली गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि लेकिन डीजीपी ने इस संबंध में अभी तक राज्य के अन्य जिलों के पुलिस अधिकारियों से कुछ नहीं पूछा है।