गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के सूक्ष्म जीव विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.रमेश चंद्र दुबे ने दावा किया है कि कुंभ मेले से कोरोना संक्रमण अधिक तेजी के साथ फैला। उन्होंने अपने शोध में पाया कि जल में कोरोना वायरस लंबे समय तक सक्रिय रहता है और जब मनुष्य उस जल में स्नान करता है तो वह उसके शरीर में प्रवेश कर सकता है। संक्रमित व्यक्ति यह संक्रमण तेजी के साथ अन्य लोगों में भी फैला सकता है। कुंभ मेले में कोरोना इसी तरह से फैला। ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में प्रो. दुबे ने कई दिनों तक शोध करने के बाद दावा किया है कि हाल ही में संपन्न हरिद्वार कुंभ मेला कोरोना संक्रमण को फैलाने का सबसे बड़ा
एक कारण रहा है। उन्होंने शोध में पाया गंगा में स्नान करने वाले कोरोना संक्रमित साधु या अन्य श्रद्धालुओं की वजह से यह संक्रमण क्लेमसियाल निमोनी संक्रमण के साथ मिलकर और हमलावर साबित हुआ। प्रोफेसर दुबे का कहना है कि कोरोना संक्रमण पानी में बहुत देर तक जीवित रहता है और कुंभ मेले में जो कोरोना संक्रमित साधु संत या श्रद्धालु गंगा में नहाए और उन्होंने गंगाजल का आचमन लिया, उनके बगल में गंगा में स्नान कर रहे अन्य स्वस्थ व्यक्तियों को भी उनसे कोरोना संक्रमण फैल गया। कुंभ मेले के दौरान लाखों लोग गंगा घाट पर एकत्र हुए और कुंभ स्नान कोरोना संक्रमण को फैलाने का सबसे बड़ा जरिया बना।
बैक्टीरिया फाज पर चल रहा है शोध
प्रोफेसर दुबे का कहना है कि गंगाजल में पाए जाने वाले इन तीन संक्रमण को नष्ट करने का काम जीवाणु विमोजी यानी बैक्टीरिया फाज करता है। परंतु कुंभ मेले में गंगा में कोरोना संक्रमण को नष्ट करने का काम गंगाजल में मौजूद बैक्टीरिया फाज क्यों नहीं कर पाया, इस पर अभी शोध चल रहा है।