सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक ने अपनी ताजा ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट में कहा है कि भारत सरकार ने उससे साल 2020 के आखिरी 6 महीनों में 40 हजार 300 यूजर्स के डेटा मांगे थे। रिपोर्ट में बताया गया है भारत सरकार की ओर से आए अनुरोधों में जनवरी से जून 2020 की तुलना में 13.3 फीसदी बढ़ोतरी देखी गई। इस दौरान भारत ने 35 हजार 560 यूजर्स के डेटा मांगे थे।
अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने जुलाई से दिसंबर 2020 के बीच में भारत के सूचना प्रसारण मंत्रालय के निर्देशों के मुताबिक, 878 आइटम्स को प्रतिबंधित भी किया। इनमें से 10 आइटम को कुछ समय के लिए प्रतिबंधित किया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने जुलाई से दिसंबर 2020 के बीच कुल 40 हजार 300 अनुरोध भेजे थे। इनमें से 37 हजार 865 अनुरोध कानूनी प्रक्रिया वाले थे और 2 हजार 435 अनुरोध इमरजेंसी डिस्क्लोजर वाले। यूजर्स के डेटा देने के सबसे ज्यादा अनुरोध करने वालों में हालांकि, भारत दूसरे पायदान पर है। पहले नंबर पर अमेरिका है जिसने जुलाई-दिसंबर 2020 के बीच कुल 61 हजार 262 यूजर्स के डेटा मांगे।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साल 2020 के पहली छमाही की तुलना में दूसरी छमाही के अंदर दुनियाभर की सरकारों से मांगे जाने वाले यूजर्स के डेटा की संख्या में 10 फीसदी इजाफा हुआ है। पहली छमाही में जहां दुनियाभर की सरकारों ने मिलकर फेसबुक से 1 लाख 73 हजार 592 यूजर्स के डेटा मांगे थे तो वहीं दूसरी छमाही में यह आंकड़ा 1 लाख 91 हजार 13 तक पहुंच गया था। भारत में 62,754 यूजर/अकाउंट्स से संबंधित डेटा की मांग की गई थी और 52 फीसदी मामलों में कुछ डेटा प्रस्तुत किया गया था।
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘फेसबुक सरकार की ओर से आए डेटा पाने के अनुरोधों का जवाब संबंधित कानूनों और अपनी सेवा की शर्तों के मुताबिक देता है। हमें मिले हर अनुरोध की ध्यानपूर्वक समीक्षा की जाती है और जो अनुरोध जरा सा भी अस्पष्ट लगता है उसे हम या तो रिजेक्ट करते हैं या फिर उसपर अधिक जानकारी मांगी जाती है।