काम करने और बसने के लायक देशों की वैश्विक सूची में भारत को निचले स्तर पर रखा गया है। विदेशी मूल के लोगों (एक्सपैट) की पसंद पर आधारित एक सूचकांक ‘एक्सपैट इनसाइडर-2021’ के जरिए यह जानकारी सामने आई। भारत की इस स्थिति के लिए कोरोना काल की स्थितियों को भी जिम्मेदार माना गया है।यह सूचकांक अपने मूल देश को छोड़कर दूसरे देश को रहने व काम के लिए चुनने वालों की पसंद पर आधारित है जो हर साल जर्मनी का प्रतिष्ठित संगठन इंटरनेशंस ने जारी करती है। इस सर्वे में 59 देशों के 12420 ऐसे लोगों (एक्सपैट) को शामिल किया गया जो उस देश के मूल निवासी नहीं थे। इन एक्सपैट से उस देश में जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक खर्च, रोजगार, चिकित्सा तंत्र आदि के बारे में प्रश्न पूछकर उसके आधार पर रैकिंग दी गई।
भारत का 51वां स्थान
इस सूची में 59 देशों के मुकाबले भारत को 51वां स्थान मिला है। भारत में रहने वाले या रह चुके विदेशी लोगों ने कहा कि जहां तक भारत की बात है तो यहां वायु प्रदूषण, पानी और स्वच्छता जैसे बुनियादी ढांचे की स्थिति बहुत बुरी है। यही कारण है कि यहां रहना हमारे लिए कठिन रहा। इसके अलावा उन्होंने स्वास्थ्य सुविधाओं की भी कमी की बात की। इन सबके बीच एक राहत देने वाली बात यह रही कि 82 प्रतिशत प्रवासियों ने भारत की वित्तीय स्थिति को बेहतर कहा और खुशी जाहिर की।
ताइवान लगातार तीसरी बार शीर्ष पर
कोरोना की लड़ाई में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाला ताइवान लगातार तीसरे साल एक्सपैट इनसाइडर 2021 सर्वे में शीर्ष पर रहा। एक्सपैट्स ने ताइवान में नौकरी की सुरक्षा और स्थानीय अर्थव्यवस्था की खुलकर प्रशंसा की। 96 प्रतिशत लोगों ने ताइवान में मिलने वाली चिकित्सीय देखभाल की सराहना की तो 94 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इसकी सामर्थ्य से काफी संतुष्ट हैं। 96 प्रतिशत प्रवासियों ने ताइवान की आबादी को विदेशी निवासियों के प्रति मित्रवत बताया। ताइवान के बाद मैक्सिको और कोस्टा रिका रहने और काम करने के लिए सबसे अच्छी जगह के रूप में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे। एक्सपैट्स ने कहा कि उन्हें दोनों देशों में बसना और दोस्त बनाना आसान लगा। सूची में मलेशिया ने चौथा और पुर्तगाल ने पांचवां स्थान हासिल किया। अमेरिका 34वें स्थान पर रहा।
कुवैत 7वीं बार सबसे पीछे
कुवैत के लिए इस सर्वेक्षण के परिणाम इससे बदतर नहीं हो सकते थे क्योंकि यह पिछले आठ वर्षों में सातवीं बार रहने और काम करने के लिए प्रवासियों के लिए सबसे खराब गंतव्य स्थान के लिए चुना गया। 47 प्रतिशत एक्सपैट्स ने कहा कि कुवैत रहने लायक नहीं है। उधर खराब वित्तीय स्थिति के कारण इटली को दूसरे सबसे खराब स्थान का दर्जा मिला। 56 प्रतिशत एक्सपैट्स ने कहा कि इटली में स्थानीय करियर के अवसर बहुत खराब है। दक्षिण अफ्रीका को तीसरा सबसे खराब देश घोषित किया गया।
नंबर गेम
59 कुल देश सर्वे में शामिल
51 नंबर पर भारत
34 नंबर अमेरिका को मिला
7 बार कुवैत को मिला अंतिम स्थान
3 बार लगातार ताइवान रहा प्रथम