हरियाणा सरकार ने कोरोना से स्वस्थ होने के बाद विशेष रूप से डायबिटीज अथवा कम प्रतिरोधक क्षमता और स्टेरॉयड लेने वाले मरीजों के जानलेवा म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) की गिरफ्त में आ जाने को लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं तथा इनका पालन नहीं होने पर दंडनीय कार्रवाई की जाएगी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने मंगलवार को यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि किसी भी व्यक्ति/संस्था या संगठन द्वारा इन नियमों के तहत जारी किसी भी आदेश या अधिसूचना की अवहेलना की समीक्षा के लिए प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित की जाएगी। आंतरिक चिकित्सा, नेत्र विज्ञान, नाक, गला और कान और महामारीविद विशेषज्ञ कमेटी के सदस्य होंगे, जो ऐसी अवज्ञा की समीक्षा करेंगे और किसी व्यक्ति, संस्था और संगठन पर दोष सिद्ध होने पर कानूनन कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस एक गम्भीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है जो म्यूकोरमाइकोसिस नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है। ये मोल्ड पूरे वातावरण में रहते हैं। यह मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जिन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हैं या ऐसी इम्यूनोसप्रेसिव दवाएं लेते हैं जो शरीर की रोगाणुओं और बीमारी से लड़ने की क्षमता कम करती हैं।
उन्होंने मरीजों को सलाह दी कि वे बीमारियों का शीघ्र इलाज कराएंं, डायबिटी नियंत्रित करें, स्टेरॉयड तभी लें जब ये आवश्यक हों और एंटी-फंगल प्रोफिलैक्सिस लेने की कोई आवश्यकता नहीं है।
एम्फोटेरिसिन-बी टीके के वितरण हेतु विशेषज्ञ कमेटी गठित
सरकार ने राज्य के सार्वजनिक एवं निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होने वाला इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी के वितरण पर निर्णय लेने के लिए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया है।
इस विशेषज्ञ कमेटी में पीजीआईएमएस, रोहतक के नेत्र विज्ञान प्रोफेसर डॉ. आर.एस. चौहान, सिविल अस्पताल पंचकूला की ईएनटी सर्जन डॉ सुखदीप कौर, हरियाणा नेत्र रोग सोसायटी के नेत्र रोग विशेषज्ञ महासचिव डॉ इंदरमोहन रुस्तोगी और महानिदेशक स्वास्थ्य सेवाएं कायार्लय के डीडी (ब्लाइंडन्स) डॉ. जगदीप सिंह बसुर शामिल हैं।
यह कमेटी आवश्यकता होने पर मामलों के आधार पर पीजीआईएमएस, रोहतक के सहायक प्रोफेसर न्यूरो सर्जरी डॉ. अमरनाथ, सिविल अस्पताल, पंचकूला की सीनियर डेंटल सर्जन डॉ. शिवानी हुड्डा तथा अलकेमिस्ट अस्पताल, पंचकूला की ईएनटी सर्जन डॉ. प्राची जैन से परामर्श भी ले सकेगी। कमेटी इंजेक्शन के लिए पहले-आओ-पहले-पाओ के आधार पर प्राप्त अनुरोध तथा इसके वितरण हेतु मानदंड तैयार करेगी।