कोरोना संकट के बीच बिहार से लगातार गायब रहने के आरोपों का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को एक पत्र लिखा है। उन्होंने यह पत्र अपने ट्वीटर हैंडल पर साझा किया है। तेजस्वी ने अपने इस पत्र के जरिये मुख्यमंत्री के साथ ही पूरी सरकार के कामकाज पर तंज कसा है। उन्होंने सरकार से अनुमति मांगी है कि राज्य के सभी विधायकों को और खुद उनको भी किसी भी अस्पताल के अंदर जाकर मरीजों की मदद करने की अनुमति दी जाए। इस पत्र में तेजस्वी ने कई गंभीर आरोप सरकार पर लगाए हैं।
तेजस्वी बोले, मदद करने पर मुकदमे नहीं करे सरकार
तेजस्वी का कहना है कि जब भी वे जनहित के मुद्दे लेकर सड़क पर उतरते हैं, उन पर महामारी अधिनियम के तहत कोई न कोई मुकदमा लाद ही दिया जाता है। यह उन्हें सांविधानिक कर्त्तव्यों के निर्वहन से रोकने का प्रयास है। उन्होंने सरकार पर प्रजातंत्र का गला घोंटने का आरोप लगाया है। पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि वे बिहार आकर लोगों की सेवा करने को तैयार हैं, बशर्ते सरकार उन पर कोई मुकदमा नहीं करे।
भाजपा-जदयू के नेताओं पर भी कसा तंज
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में भाजपा और जदयू के नेता लगातार उन्हें तलाश रहे हैं। ऐसा वाजिब भी है। अगर सरकार अपना काम ठीक से नहीं कर पा रही है तो उन्हें खोजा भी जाना चाहिए। तेजस्वी ने कहा कि उन्होंने कोरोना से निपटने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने का सुझाव सरकार को दिया था। इसमें जनप्रतिनिधियों को भी शामिल करने की बात कही थी। लेकिन, सरकार ने उनकी यह मांग इसलिए नहीं मानी कि इससे पूरी पोल ही खुल जाती।
चार साल से किसी भी पत्र का जवाब नहीं देने का जड़ा आरोप
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि चार साल में उन्होंने सीएम को अलग-अलग मसलों पर कई पत्र लिखे, लेकिन इसमें से शायद ही किसी का जवाब मिला हो। यह गांधी, लोहिया, जेपी और कर्पूरी के विचारों के विपरीत है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर अलोकतांत्रिक होने का आरोप जड़ा है।
एक दिन पहले तेजस्वी ने फेसबुक लाइव के जरिये बिहार सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाई थी और कोरोना से निपटने में फेल होने का आरोप लगाया था। उन्होंने खुद के बिहार नहीं होने पर सफाई भी दी थी और कहा था कि पिता लालू प्रसाद यादव के बीमार होने के कारण वे अभी दिल्ली में हैं। गौरतलब है कि बिहार में एनडीए के नेता लगातार यह आरोप लगाते रहे हैं कि राज्य में किसी भी आपदा के समय तेजस्वी नजर नहीं आते। वह हमेशा कोई न कोई बहाना बना ही लेते हैं।