गाजियाबाद जिले के चार गांवों में दस दिन में 35 से ज्यादा लोगों की बुखार से मौत हो चुकी है। इसमें मोदीनगर के गांव मोहम्मदपुर कद्दीम में 10, सीकरी कलां में 10, निवाड़ी में तीन, जलालाबाद में 12 और लोनी के गांव जावली में कुछ लोगों की मौत हुई है। लगातार मौत होने से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। मोदीनगर के गांव मोहम्मदपुर कद्दीम में करीब तीन हजार की आबादी है। ग्रामीणों ने बताया कि यहां पिछले दस दिनों में बुखार से 10 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, सीकरी कलां में कई लोग बीमार हैं और अब तक दस की जान जा चुकी है।
निवाड़ी में और जलालाबाद की हालत भी काफी खराब है। यहां भी लगातार मौत हो रही है। इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल है। अभी भी करीब 100 से 150 लोग बुखार व अन्य लक्षणों से पीड़ित हैं, जिनकी जांच नहीं हो पाई है और खुद घर में क्वारंटाइन हैं। ऐसे में वे घरेलू नुस्खे और गांव के डॉक्टर से हीं सामान्य दवा ले रहे हैं। हालांकि, प्रशासन की ओर से दावा किया जा रहा है कि गांवों में मेडिकल किट बांटी जा रही हैं, लेकिन लोगों का कहना है कि यहां अभी तक कोई ना तो जांच के लिए आया है ना कोई मेडिकल किट देने आया है।
यूट्यूब के सहारे ले रहे दवा : ग्रामीण अनिल त्यागी ने बताया कि गांवों में स्वास्थ्य केंद्र है, लेकिन वहां कोई डॉक्टर नहीं आता है। हाल में गांव के कई परिवार बुखार, खांसी, जुकाम से परेशान हैं। ऐसे में लोग यूट्यूब व सोशल मीडिया पर डॉक्टरों की वीडियो देखकर दवा ले रहे हैं या घरेलू नुस्खे अपना रहे हैं।
सीएचसी में भीड़ के चलते वापस लौटना पड़ता है : ग्रामीणों ने बताया कि गांव में स्वास्थ्य सुविधा नहीं है। मोदीनगर सीएचसी पर भीड़ इतनी रहती है कि संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। वहीं कई बार बिना इलाज के वापस लौटना पड़ता है।
”गांवों में अभियान चलाकर संक्रमितों को चिन्हित किया जा रहा है। साथ ही मेडिकल किट भी वितरित की जा रही हैं। गांवो में भी जांच बढ़ाई जाएंगी। ग्रामीणों से अपील है कि बुखार आदि लक्षण होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।” डॉ. एन.के. गुप्ता, सीएमओ
जावली में डेढ़ माह में 40 की जान गई
लोनी के जावली गांव में डेढ़ महीने के दौरान 40 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से अधिकांश को बुखार, खांसी, जुकाम आदि हुआ था। ग्राम प्रधान एवं गांव के लोगों का कहना है कि 80 प्रतिशत मौत सामान्य थीं, लेकिन दो की कोरोना से छह की मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है। उनको बुखार तो था, लेकिन उनकी कोरोना जांच नहीं हुई थी। ग्राम प्रधान प्रीति का कहना है कि कुछ लोग गांव में कोरोना की दहशत फैलाकर ग्रामीणों में डर पैदा कर रहे हैं, जबकि 80 प्रतिशत लोग सामान्य मौत से मर रहे हैं। ग्राम प्रधान ने गांव के हेल्थ वेलनेस सेंटर पर वैक्सीनेशन कराने तथा कोविड से बचाव के लिए गांव में सैनिटाइजेशन कराने के लिए बजट की मांग की है। प्रीति का कहना है कि उन्होंने अपने स्वयं के खर्चे से संपूर्ण गांव के सैनिटाइज करा दिया है।