मध्य प्रदेश सरकार की चालू वित्त वर्ष की नवीन आबकारी व्यवस्था के तहत 90 मिलीलीटर की शीशी में भी देसी मदिरा की सप्लाई की जाएगी ताकि कम पैसे वाले भी सरकारी दुकान से मदिरा खरीदें। फैसले के पीछे शिवराज सरकार की दलील है कि सस्ती शराब की लालच में जहरीली शराब के सेवन के खतरों से लोगों को बचाना है। राज्य के एक आला अधिकारी ने शनिवार को बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अनुमोदित नवीन आबकारी व्यवस्था में इसका प्रावधान किया है।
जानें कितनी होगी इसकी कीमत
इसमें कहा गया है, ”90 मिलीलीटर की धारिता (पैकिंग) में भी देसी मदिरा का वितरण किया जाए। शुरू में उत्पादन का कम से कम 10 प्रतिशत 90 मिलीलीटर की पैकिंग में भरना अनिवार्य किया गया है। बाद में मांग के अनुरूप यह अनुपात कम ज्यादा किया जा सकेगा। इस पैक का अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) 180 मिलीलीटर की बोतल का आधा रखा जाए। मध्य प्रदेश आबकारी आयुक्त राजीव दुबे ने ‘पीटीआई-भाषा को बताया, ”कोरोना कर्फ्यू के कारण शराब की दुकानें बंद रहने से प्रतिदिन करीब 32 करोड़ रूपये का बिजनेस प्रभावित हो रहा है। मालूम हो कि प्रदेश में 20 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है।
90 मिलीलीटर की शीशी में केवल अंग्रेजी शराब
वर्तमान में 90 मिलीलीटर की शीशी में भारत में बनी हुई अंग्रेजी शराब ही बेची जाती है। आम बोल चाल में इस पैक को बच्चा या पिल्ला बोला जाता है। सरकार ने 90 मिलीलीटर की बोतल में देसी शराब की सप्लाई का निर्णय ऐसे समय किया है, जबकि उज्जैन एवं मुरैना जिलों में गत अक्टूबर से जनवरी के बीच तक 38 लोगों की सस्ती जहरीली शराब पीने से मौत हो गई थी। इनमें से अधिकांश बेघर लोग एवं भिखारी थे।
ऑनलाइन शराब बेचने के प्रस्ताव को ठुकराया
मंत्रिपरिषद ने ऑनलाइन शराब बेचने के प्रस्ताव को नहीं माना गया। कोरोना कर्फ्यू की वजह से यह प्रस्ताव आया था।छत्तीसगढ़ सहित 12 राज्यों में ऑनलाइन शराब बेची जा रही है। अधिकारी ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 की शेष अवधि एक जून 2021 से 31 मार्च 2022 तक के लिये नवीन आबकारी व्यवस्था को मंत्रि-परिषद द्वारा अनुमोदित किया गया है। अनुमोदित आबकारी व्यवस्था को प्रदेश में लागू करने के लिये राज्य शासन ने निर्देश जारी कर दिये हैं।