उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात व छत्तीसगढ़ में कोरोना का पीक आ चुका है। अब धीरे-धीरे कोरोना संक्रमण उतार की ओर है। संक्रमितों की संख्या घट रही है। मगर, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश व तमिलनाडु में अभी कोरोना का पीक आना बाकी है। इसलिए सतर्कता जरूरी है। सबसे अधिक खतरा केरल, बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा व तेलांगना में है, जहां कोरोना संक्रमण फ्लक्चुएट कर रहा है। मतलब लगातार कोरोना संक्रमण में उतार-चढ़ाव का ग्राफ दिख रहा है। यह रिपोर्ट आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. महेंद्र कुमार वर्मा व प्रो. राजेश रंजन की है। उन्होंने यह रिपोर्ट स्वास्थ्य मंत्रालय भी भेजी है।
आईआईटी के प्रो. महेंद्र कुमार वर्मा ने कोरोना संक्रमण के द्वितीय लहर (सेकेंड वेव) के प्रतिदिन केस के आधार पर एक सर (द सस्पिटेबल इंफेक्टेड रेसिसटेंट) मॉडल तैयार किया है। इसके आधार पर केसों के बढ़ने व घटने की संख्या का आकलन किया जा सकता है। उन्होंने हर प्रदेश की अलग रिपोर्ट तैयार की है। प्रो. वर्मा ने अपनी रिपोर्ट में प्रदेश के अनुसार टीपीआर (नंबर ऑफ पाजिटिव केसेस पर 100 टेस्ट) और सीएफआर (द परसेंटेज ऑफ डेथ पर 100 केस) का भी आकलन किया है। रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली में टीपीआर व सीएफआर दोनों अधिक हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय को रिपोर्ट 8 मई तक के आधार पर तैयार कर भेजी है।
इन प्रदेशों में आ चुका है पीक
प्रदेश टीपीआर सीएफआर
महाराष्ट्र 21 1.53
उत्तर प्रदेश 12 1.22
मध्य प्रदेश 18 0.66
गुजरात 9 1.00
छत्तीसगढ़ 23 1.61
दिल्ली 25 1.65
इन प्रदेशों में कर रहा है फ्लक्चुएशन
प्रदेश टीपीआर सीएफआर
केरल 27 0.14
झारखंड 11 2.22
बिहार 14 0.49
राजस्थान 20 0.91
हरियाणा 28 1.17
तेलंगाना 9 0.80
इन प्रदेशों में आना है पीक
प्रदेश टीपीआर सीएफआर
कर्नाटक 31 0.82
आंध्र प्रदेश 19 0.38
तमिलनाडु 16 0.76