चिकित्सा उपकरणों जैसे ऑक्सीजन सांद्रक, सिलेंडर व अन्य सामान की कालाबाजरी व जमाखोरी के आरोपी को अंतरिम जमानत नहीं दी जाएगी। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित हाई पावर कमेटी ने कोविड-19 के उपचार संबंधी सामान की कालाबजारी व जमाखोरी करने के आरोपियों को अंतरिम जमानत का लाभ देने पर पांबदी लगाई है।
साथ ही कमेटी ने उन कैदियों को भी अंतरिम जमानत देने पर रोक लगाई है जिन कैदियों को पिछली बार अंतरिम जमानत दी गई थी लेकिन उन्होंने निर्धारित समय पर आत्मसमर्पण नहीं किया था। साथ ही कमेटी ने दो नई श्रेणियां भी बनाई हैं जो विचाराधीन कैदियों को अंतरिम जमानत देने की सिफारिश करती हैं। एक वह जो हत्या के मामले में आरोपी हैं और दो साल से ज्यादा समय से जेल में हैं। उनका आचरण भी जेल अधिकारियों की नजर में सतोषजनक है। साथ ही वह किसी अन्य मामले में आरोपी नहीं हैं। दूसरी श्रेणी में महिला कैदियों को रखा गया है जोकि गर्भवती हैं या फिर उनके बच्चे जेल में उनके साथ हैं। महिलाओं कैदियों पर भी वहीं नियम लागू है कि वह उनका आचरण उचित होना चाहिए। साथ ही वह किसी अन्य मामले में आरोपी ना हों। कमेटी ने यह भी तय किया है कि जिन 1133 कैदियों ने पिछली बार तय समय पर आत्मसमर्पण किया था। उन्हें जमानत दी जा सकती है। अंतरिम जमानत पाने वाले कैदियोंं को 90 दिन के लिए यह राहत दी जाएगी। साथ ही पूर्व की भांति उन्हें निजी मुचलके भरने होंगे। इसी तरह सजायाफ्ता कैदियों को पेरौल दिल्ली सरकार की समिति की सिफारिश पर पेरौल मिलेगी। पेरौल भी 90 दिन के लिए दी जाएगी।