पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की दो दिवसीय यात्रा के दौरान सऊदी अरब ने नकदी की कमी से जूझ रहे पाकिस्तान में खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और जल के क्षेत्र में 12 करोड़ 30 लाख डॉलर से अधिक राशि की 118 परियोजनाओं की घोषणा की है।
एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। शाह सलमान मानवीय मदद एवं राहत केंद्र (केएसरिलीफ) के पर्यवेक्षक जनरल डॉ. अब्दुल्ला बिन अब्दुल अजीज अल राबीयाह ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के मद्देनजर इस सहायता की घोषणा की गई है। केएसरिलीफ ने पाकिस्तान के लिए खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, जल और पर्यावरणीय स्वच्छता के क्षेत्र में 12 करोड़ 30 लाख डॉलर से अधिक राशि की 118 परियोजनाओं की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने महामारी से निपटने के लिए 15 लाख डॉलर से अधिक की चिकित्सा एवं निवारक सहायता मुहैया कराई है।
पश्चिम एशिया संबंधी मामलों के लिए शाह के विशेष प्रतिनिधि शेख ताहिर महमूद अशरफी ने ‘सऊदी प्रेस एजेंसी (एसपीए) से कहा कि इस यात्रा से इच्छित हितों एवं लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सही दिशा में संयुक्त प्रयासों को गति मिलेगी और यह यात्रा राजनीतिक, सैन्य, राजनयिक, आर्थिक, वाणिज्यिक, विकासात्मक और सांस्कृतिक समन्वय एवं सहयोग बढ़ाने में भी योगदान देगी। खान ने इस्लामी सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव डॉ. यूसुफ बिन अहमद अल ओथाइमेन से मुलाकात की और इस्लामी दुनिया में विकास, गैर ओआईसी देशों में मुसलमानों की स्थिति और मुसलमानों के खिलाफ भय, घृणा एवं पूर्वाग्रह समेत ओआईसी एजेंडे में शामिल मामलों पर चर्चा की।
खान और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के बीच शिखर बैठक में आर्थिक एवं व्यापार संबंधों को बढ़ाने और कट्टरवाद के कारण पैदा होने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई। एसपीए ने बताया कि दोनों ने द्विपक्षीय सैन्य एवं सुरक्षा संबंधों की मजबूती पर संतोष जताया और दोनों देशों के साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
उन्होंने कहा, ”दोनों पक्षों ने अतिवाद एवं हिंसा से निपटने, सांप्रदायिकता को खारिज करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति एवं सुरक्षा हासिल करने के लिए इस्लामी दुनिया के ठोस प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया। संयुक्त बयान में 2003 के समझौते के आधार पर नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम को लेकर पाकिस्तान और भारत के सैन्य प्राधिकारियों के बीच हाल में बनी सहमति के संदर्भ में भारत का जिक्र किया गया।
बयान में कहा गया, ”दोनों पक्षों ने पाकिस्तान और भारत के बीच वार्ता की महत्ता पर जोर दिया ताकि दोनों देशों (भारत एवं पाकिस्तान) के बीच खासकर जम्मू-कश्मीर विवाद समेत सभी मामलों को सुलझाया जा सके और क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने 25 फरवरी को अचानक घोषणा की थी कि उन्होंने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा एवं अन्य सेक्टरों में संघर्षविराम संबंधी सभी समझौतों का कड़ाई से पालन करने पर सहमति जताई है।