गाजियाबाद पुलिस ने मोदीनगर के भोजपुर थाना क्षेत्र के गांव में 18 दिन पहले हुए लाखन तोमर हत्याकांड का खुलासा करते हुए इस मामले में दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव लड़े चाचा ने ही वोट नहीं देने से नाराज होकर 50 हजार रुपये की सुपारी देकर सगे भाइयों से लाखन की हत्या करा दी थी।
गत 18 अप्रैल की सुबह गांव कनकपुर निवासी लाखन सिंह तोमर का शव पड़ोस में ही काफी समय से बंद पड़े मकान के अंदर पड़ा मिला था। लाखन की आरी और चाकू से वार कर हत्या की गई थी। वार्ड दो से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़े व मृतक के चाचा बलराम सिंह उर्फ बंटी ने इस मामले में गांव के ही तीन नामजद सहित छह लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
एसपी देहात डॉ. ईरज राजा ने बताया कि जब हत्याकांड की जांच शुरू की तो कई चौकाने वाली बात सामने आईं। उन्होंने बताया कि मृतक लाखन तोमर शराब पीने का आदी था और अपने चाचा पूर्व प्रदान बलराम सिंह उर्फ बंटी से नफरत करता था। इतना ही नहीं मृतक ने चुनाव प्रचार के दौरान भी कई बार ग्रामीणों के साथ गाली-गलौज की थी। ग्रामीणों को गाली-गलौज किए जाने से चुनाव पर असर पड़ गया था।
50 हजार रुपये की सुपारी दी
एसपी देहात डॉ. ईरज राजा ने बताया कि बलराम उर्फ बंटी वार्ड दो से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। मृतक आए दिन शराब पीकर अपने अपने भाइयों और चाचा को गाली देता रहता था। बलराम सिंह को पता चल गया था कि लाखन ने उसे वोट भी नहीं दिया था। वोट नहीं देने से नाराज होकर बलराम सिंह ने लाखन सिंह की हत्या का ताना-बना बुन दिया।
एसपी देहात ने बताया कि बलराम ने लाखन की हत्या करने के लिए उसके ही सगे भाइयों लोकेश और सुखपाल सिंह को तैयार किया। योजना बनाकर दोनों भाइयों ने पहले लाखन को शराब पिलाई और फिर उसे काफी समय से बंद पड़े मकान के अंदर ले जाकर आरी और चाकू से वार कर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपी पीछे से दीवार फांदकर फरार हो गए थे।