राजधानी दिल्ली में कोरोना से बेकाबू होते हालात के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज राजधानी में कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति के मद्देनजर उच्च स्तरीय बैठक करेंगे। उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
बैठक में इस महामारी से निपटने के लिए किए जा रहे उपायों और आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही वैक्सीनेशन बढ़ाने और लॉकडाउन को हटाने या बढ़ाने पर विचार किया जा सकता है।
बता दें कि, दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में गुरुवार को मामूली गिरावट देखने को मिली, लेकिन मौत का आंकड़ा थोड़ा बढ़ गया। दिल्ली में गुरुवार कोरोना के 19 हजार से अधिक नए पॉजिटिव केस सामने आए और 335 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि, आज पॉजिटिविटी रेट में 2 फीसदी की कमी आने के बाद अब यह 24.29 फीसदी पर आ गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से गुरुवार को जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, बीते 24 घंटे में जहां कोरोना के 19,133 नए मरीज मिले हैं, वहीं 335 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों का कुल आंकड़ा बढ़कर 18,398 पर पहुंच गया है। बुधवार को 20,960 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई थी। बुलेटिन के अनुसार, आज 20,028 मरीज पूरी तरह ठीक होकर कोरोना मुक्त हो गए, जबकि बुधवार को यह संख्या 19,209 थी। स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि दिल्ली में अब तक संक्रमितों की कुल संख्या 12,73,035 हो गई है और 50,562 मरीज होम आइसोलेशन में हैं। राजधानी में अब कोरोना वायरस संक्रमण के एक्टिव केस 90,629 हैं। वहीं, अब तक कुल 11,64,008 मरीज इस महामारी को मात देकर कोरोना मुक्त हो चुके हैं। इसके साथ ही अब तक मरने वालों की संख्या 18,398 हो गई है।
ऑक्सीजन की ढुलाई क्षमता बढ़ाने को उठाए जा रहे कदम
दिल्ली सरकार ने कहा है कि उसने तरल ऑक्सीजन की ढुलाई की क्षमता बढ़़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें जीपीएस के जरिये टैंकरों का पता लगाया जाना और शहर में जीवनरक्षक गैस के वितरण के लिए विकेन्द्रीकृत प्रबंधन प्रणाली तैयार करना शामिल है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि दिल्ली सरकार की टीम प्रत्येक टैंकर की निर्बाध आवाजाही के लिए उनकी निगरानी करती है और शहर में ऑक्सीजन ला रहे 41 टैकरों की जीपीएस प्रणाली से निगरानी की जा रही है। बयान में कहा गया है कि एक डैशबोर्ड तैयार किया गया है तथा राष्ट्रीय राजधानी में तरल ऑक्सीजन ला रहे टैंकरों का पता लगाने के लिए अमेजन की मदद ली गई है।