चार साल से फरार चल रहे 7.50 लाख के इनामी मोस्ट वॉन्टेड गैंगस्टर सूबे गुर्जर को हरियाणा की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। गैंगस्टर सूबे गुर्जर का हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पंजाब सहित कई राज्यों में दबदबा था। वह 40 से ज्यादा मामलों में वॉन्टेड था। हरियाणा में 11 हत्या और 12 हत्या के प्रयास के मामलों में वह आरोपी है। इनमें से ज्यादातर गुरुग्राम और रेवाड़ी के मामले हैं। दो मामलों में उसे सजा भी मिल चुकी है।
गिरफ्तारी के बाद उसे रेवाड़ी के पुष्पाजंलि अस्पताल में गोली चलाकर रंगदारी मांगने के मामले में रेवाड़ी कोर्ट में पेश कर सात दिन की रिमांड पर लिया गया। रिमांड के दौरान एसटीएफ टीम सभी मामलों में पूछताछ करेगी। वह चार साल से किसके संपर्क में रहा और कहां-कहां पर रहा, इसकी जानकारी जुटाई जाएगी।
फ्लाइट में ही पुलिस ने की थी बदमाश की पहचान
एसटीएफ के डीआईजी सतीश बालान ने बताया कि वह गैंगस्टर सूबे गुर्जर को पकड़ने के लिए दो सालों से काम कर रहे थे। जांच में सामने आया कि आरोपी ने अपना नाम बदल लिया है और दीपक के नाम से नई पहचान बनाई। गैंगस्टर के बारे में दो दिन पहले शनिवार तड़के दिल्ली आने की सूचना मिली। उसमें यह भी बताया कि वह गोवा या चेन्नई की फ्लाइट से आएगा। जब एयरपोर्ट पर जाकर पता किया तो वहां बताया गया कि यहां से कोई फ्लाइट नहीं आ रही। पुणे और मुंबई से फ्लाइट आ रही थी। उसके बाद दोनों फ्लाइट के सदस्यों की जानकारी जुटाई गई। पुणे से दिल्ली आने वाली फ्लाइट में दीपक नाम से एक टिकट बुक मिली। उसके बाद टीम के दो सदस्यों ने भी उसी फ्लाइट में टिकट बुक करवाई। फ्लाइट के टेक ऑफ करने के बाद फ्लाइट में ही सूबे गुर्जर की पहचान की गई। दिल्ली में फ्लाइट के लैंड करते ही टीम ने सूचना दी और एयरपोर्ट से उसे गिरफ्तार कर लिया।
रिमांड हासिल किया
डीआईजी सतीश बालान ने बताया कि रेवाड़ी के पुष्पाजंलि अस्पताल में गोली चलवाने के मामले में सूबे गुर्जर वॉन्टेड था। इस मामले में रेवाड़ी के कोर्ट में शनिवार को पेश कर सात दिन का रिमांड लिया। रिमांड के दौरान सभी जानकारी हासिल की जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ 11 हत्या,12 हत्या के प्रयास सहित फिरौती के मामले दर्ज हैं।
15 साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय
गैंगस्टर सूबे सिंह ने साल 2005 से गैंगस्टर कौशल के साथ सक्रिय था। दोनों हत्या, हत्या के प्रयास, फिरौती, धमकी देने के 40 से ज्यादा वारदातों में शामिल रहा। कौशल की गिरफ्तारी के बाद आरोपी खुद गैंग की कमान संभाल कर वारदातों को अंजाम दे रहा था। आरोपी ने एसटीएफ को पुलिस पूछताछ में बताया कि वह लोकल स्तर पर अपने गुर्गे तैयार करवाता था। धमकी देने के बाद अपने गुर्गो के बल पर हत्या, धमकी देना और कॉन्ट्रैक्ट किलिंग भी करवाता था। आरोपी मूलरूप से गांव बडगुर्जर का रहने वाला है।
नेपाल में भी रहकर आया
गैंगस्टर ने बताया कि वह पुलिस और एसटीएफ से बचने के लिए बंगाल, गुजरात, राजस्थान, चेन्नई और महाराष्ट्र के शहरों में रहा। सबसे ज्यादा वह पुलिस से छुपने के लिए चेन्नई में रह रहा था। इस दौरान वह नेपाल में भी कुछ दिन रहकर आया। वह अपनी गैंग को चेन्नई में रहकर ही चला रहा था। गैंगस्टर काफी शातिर है और वह अपने गुर्गों से सिर्फ फोन पर ही बात करता था। उनसे मिला भी नहीं करता था। फोन पर ही उनको ऑर्डर देता था।