विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कोविड-19 की दूसरी लहर से भारत की जंग को लेकर थाईलैंड, सिंगापुर और नार्वे के अपने समकक्षों के साथ टेलीफोन पर अलग अलग बातचीत की। भारत में कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के कारण भारत के कई हिस्से गंभीर रूप से प्रभावित हुए हैं। थाईलैंड के विदेश मंत्री दोन परामुदविनई के साथ बातचीत के बाद जयशंकर ने कहा कि भारत को विश्वास है कि वह थाईलैंड के साथ अपनी साझेदारी पर भरोसा करना जारी रख सकता है।
जयशंकर ने ट्वीट किया, ” कोविड-19 चुनौतियों और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बारे में थाईलैंड के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री दोन परामुदविनई के साथ चर्चा की। क्रायोजेनिक टैंक एवं ऑक्सीजन से संबंधित अन्य उपकरणों की आपूर्ति की सराहना की। उन्होंने कहा, ” विश्वास है कि थाईलैंड के साथ अपने गठजोड़ पर भरोसा करना जारी रख सकते हैं।”
गौरतलब है कि थाईलैंड ने भारत को तोहफे के रूप में 15 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर की आपूर्ति की जबकि दक्षिण पूर्वी एशिया में भारतीय समुदाय के लोगों ने अलग से 15 आक्सीजन सांद्रक की खेप भेजी। दिल्ली के लिए चिकित्सा आपूर्ति रायल थाई एयर फोर्स के विमान से लाया गया और इससे भारत में थाईलैंड के दूतावास के कुछ अधिकारियों को भी ले जाया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इंडियन एसोसिएशन आफ थाईलैंड की ओर से अलग से 100 आक्सीजन सिलिंडर की पेशकश की गई है। इनके भारत में तेजी से लाने के लिये कदम उठाये जा रहे हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, ” करीबी नौवहन पड़ोसी के साथ ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत बना रहे। आसियान में हमारे सहयोगी तथा मित्र थाईलैंड से 15 आक्सीजन सांद्रक के तोहफे का स्वागत है। अतिरिक्त 15 आक्सीजन सांद्रक देने के लिये थाईलैंड में भारतीय समुदाय को धन्यवाद।”
सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ बातचीत के बारे में जयशंकर ने कहा कि इस कठिन समय में दोनों देशों के बीच विशेष संबंध की अहमियत है। उन्होंने ट्वीट किया, ”सिंगापुर के विदेश मंत्री विवियन बालाकृष्णन के साथ अच्छी चर्चा हुई। आक्सीजन संबंधी सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद। आपूर्ति मिशन के लिये हमारी वायु सेना और नौसेना को त्वरित सुविधा प्रदान करना सराहनीय।” जयशंकर ने कहा कि नार्वे की विदेश मंत्री इने मॉरी इरिकसेन सोराइड के साथ कोविड-19 की स्थिति और वैश्विक प्रभाव को लेकर चर्चा की।