मध्यप्रदेश के बैतूल जिले में स्वास्थ्य विभाग में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी लगाने वाले एक गिरोह का पुलिस ने पदार्फाश किया है।
पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने आज शाम पत्रकारों को बताया कि बैतूल निवासी सुरेन्द्र बनखेड़े ने कोतवाली में 20 अप्रैल को शिकायत की थी कि अनिल उर्फ फूफा पवैया (25) निवासी बमनपुरा जिला भिंड हाल मुकाम भोपाल, संदीप सोनी (33) एवं शैलेन्द्र बनखेड़े (35) दोनों निवासी मुलताई जिला बैतूल एवं अन्य साथियों ने स्वास्थ्य विभाग में स्थाई नौकरी लगाने का झांसा देकर एक लाख 50 हजार रूपए में ले लिए। आवेदन करने के बाद उसे कोविड- 19 में लेब टेक्निशियन के पद पर नियुक्ति का आदेश मिला। इस पद के लिए उसके पास कोई शैक्षणिक योग्यता नही थी। नौकरी स्थाई नहीं होकर 31 मई 2021 तक के लिए थी। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ की।
आरोपी अनिल, संदीप एवं शैलेन्द्र को एक ढाबा से हिरासत में लेकर पूछताछ की। आरोपियों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में नियुक्तियां निकलने पर उम्मीदवारों से संपर्क कर शैक्षणिक सहित अन्य दस्तावेज प्राप्त करते थे और जिस पद के लिए नियुक्ति करनी होती थी उस पदो के लिए फर्जी डिग्री बनाकर देते थे। इस काम के एवज में उम्मीदवारों से दो से ढाई लाख रूपए नगद एवं बैक के माध्यम से लेकर पदो पर चयन कराते थे। पुलिस ने आरोपियों के पास से आवेदन एवं अन्य दस्तावेज जब्त किए है। आरोपियों से बैंक खाते की जानकारी प्राप्त कर जमा रशि का ब्यौरा लिया जा रहा है।
एसपी ने बताया कि आरोपियों द्वारा जिले में स्वास्थ्य विभाग में निकली भर्ती के लिए करीब 130 उम्मीदवारों से संपर्क कर उनसे फार्म भराए और करीब 30 उम्मीदवारों से राशि लेकर जिले की भर्ती में चयन कराकर उनकी ज्चाईिंनग करा दी। आरोपियों द्वारा बैतूल के अलावा मध्यप्रदेश के सिहोर में भी स्वास्थ्य विभाग की भर्ती में उम्मीदवारों का चयन कराकर मोटी रकम वसूली। पुलिस अधीक्षक सिमाला प्रसाद ने बताया कि आरोपियों के खाते की प्रांरभिक जांच में करीब एक वर्ष में एक करोड़ पांच लाख रूपए का लेनदेन होना पाया है।