राजधानी दिल्ली के दो और निजी अस्पतालों ने गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए मेडिकल ऑक्सीजन की तत्काल सप्लाई की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है। इस पर हाईकोर्ट ने अस्पतालों और नर्सिंग होम से मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत को पूरा करने के लिए पहले नोडल अधिकारी से संपर्क करने को कहा है।
जस्टिस विपिन सांघी और रेखा पल्ली की बेंच दो निजी अस्पतालों ब्रैम हेल्थ केयर लिमिटेड और बत्रा अस्पताल और मेडिकल रिसर्च सेंटर द्वारा दायर याचिकों के बाद अलग-अलग दलीलों की सुनवाई कर रही थी, जिनमें मेडिकल ऑक्सीजन खत्म हो गई है और वो गंभीर रूप से बीमार कोरोना मरीजों के इलाज के लिए ऑक्सीजन की तत्काल सप्लाई की मांग कर रहे हैं। ब्रैम हेल्थ केयर ने हाईकोर्ट से 125-150 ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति के लिए निर्देश जारी करने का आग्रह किया है।इस दौरान दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने कहा कि चीजें सही दिशा में बढ़ रही हैं और इसे कारगर बनाने में थोड़ा समय लगेगा, हमें इसके लिए केंद्र और रेलवे को समय देना चाहिए।
सॉलिसीटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने हाईकोर्ट को मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक के बारे में बताया। SG ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों को ऑक्सीजन सप्लाई में कोई हस्तक्षेप नहीं करने का निर्देश दिया है। उन्होंने हाईकोर्ट को यह भी बताया कि हर राज्य ऑक्सीजन सप्लाई में कोई हस्तक्षेप नहीं करने के लिए सहमत था।
मेहता ने हाईकोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार एक कंट्रोल रूम है जो राज्यों और केंद्र के नोडल अधिकारी के साथ बातचीत करता है और इस कंट्रोल रूम में कुछ और अधिकारियों को शामिल करने का फैसला किया गया है। एसजी का सुझाव है कि याचिकाकर्ता को पहले दिल्ली के नोडल अधिकारी के पास चाहिए।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया है कि चूंकि बड़ी संख्या में लोग एक ही नंबर पर नोडल अधिकारी से संपर्क कर रहे हैं जो पहले से ही सर्कुलेट है, कम से कम 3-4 और नंबरों को और सर्कुलेट करना चाहिए।
बत्रा अस्पताल की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ दवे ने अदालत को बताया कि अस्पताल के आईसीयू में 160 मरीज भर्ती हैं और बाकी वार्ड में हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल में COVID आरक्षित सुविधा है और इसके लिए कम से कम 7000-8000 लीटर ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है।
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के नोडल अधिकारी को इन दोनों अस्पतालों के लिए आवश्यक निर्देश जारी करने के लिए कहा है, जिन्होंने आज ऑक्सीजन की तत्काल आवश्यकता के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सचिव को पूरी आवंटन योजना की जांच करने और सुझाव देने और वो सुझाव बिना किसी देरी के केंद्र सरकार की कमेटी के समक्ष रखने को कहा है। कोर्ट का कहना है कि सशक्त समूह द्वारा इसकी जांच जल्द से जल्द की जाएगी।
हाईकोर्ट ने कहा कि ऑक्सीजन का आवंटन केंद्र द्वारा किया जाता है। कोर्ट ने ध्यान दिया कि ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार हुआ है, लेकिन राजधानी में प्रतिदिन 100 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की की कमी है।
बेंच ने कहा कि अगर नोडल अधिकारी से संपर्क करने के बाद भी जरूरत पूरी नहीं होती हैं, तो अस्पताल अदालत में जाने से पहले वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा और वकील सत्यकाम से संपर्क करेंगे।