हरिद्वार में कुंभ से सभी अखाड़ों से पचास फीसदी संत बगैर कोरोना जांच कराए लौट गए हैं। बीते दस दिन के अंदर ही अखाड़ों में कोरोना दस्तक दे चुका था। एक महामंडलेश्वर की कोरोना संक्रमण से मौत हो गई है। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष कोरोना संक्रमित होकर एम्स ऋषिकेश में भर्ती हैं। निरंजनी अखाड़े के सचिव भी कोरोना संक्रमित हैं। अखाड़ों में कोरोना संक्रमण फैलता देख अखाड़ों की छावनियां खाली होनी शुरू हो गई हैं। बैसाखी स्नान के दौरान हरिद्वार में आये कोरोना के अत्यधिक मामलों ने शायद संतों को भी भयभीत कर दिया है। आलम यह है कि संन्यासी और वैष्णव सम्प्रदाय के दस अखाड़ों के आधे से ज्यादा संत कुंभ क्षेत्र से पलायन कर गए हैं।
संतों के वापस लौटने का सिलसिला लगातार जारी है। इनमें से जो संत अंतिम शाही स्नान तक रुकेंगे, वे भी बिना अनुयाइयों को साथ लिए स्नान करेंगे। अब तक के तीनों शाही स्नान पर पूरे लाव लश्कर लेकर हरकी पैड़ी पहुंचे दसों अखाड़े, अंतिम शाही स्नान को सांकेतिक रूप से करने का मन बना चुके हैं। इतना ही नहीं, कोरोना संक्रमण को देखते हुए इन अखाडों से संतों ने वापसी शुरू भी कर दी है। आलम यह है कि अधिकांश अखाडों में 50 फीसदी से अधिक संत जहां वापिस लौट चुके हैं वही काफी संत अंतिम स्नान से पहले हरिद्वार छोड़ चुके होंगे। संत प्रमुख इसी में अपनी और सबकी भलाई समझ रहे हैं। सभी का एक मत में कहना है कि वे अपने तीनों प्रमुख स्नान कर चुके है। अंतिम स्नान बैरागियों का ही होता है इसलिए कोरोना काल के दौरान अब हरिद्वार में भीड़ जुटाने का कोई औचित्य नहीं रह जाता है।
अब यह समय की मांग है कि लोग सावधान हो जाएं। चूंकि जान है तो जहान है। जिस तरह कोरोना लगातार आतंक मचा रहा है उससे निपटने के लिए अब सावधानी जरूरी है। हमारे अखाड़े से करीब 55 फीसदी संत लौट चुके हैं और कुछ और जल्द लौट जाएंगे।
श्रीमहंत डॉ. साधनानंद ब्रह्मचारी पंच अग्नि अखाड़ा
तीन शाही स्नान पूरे उल्लास के साथ हो चुके हैं। अंतिम स्नान के समय कोरोना काफी बढ़ गया है। जो स्नान करने जाएं वे भी अपनी और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखे। तीसरे शाही स्नान के बाद करीब 250 संत ही छावनी में शेष बचे हैं जबकि 650 वापस लौट गए हैं।
महंत देवेंद्र शास्त्री सचिव, श्री निर्मल पंचायती अखाड़ा
बैरागियों के तीनों अखाडे़ कोविड नियमों का पालन करते हुए 27 अप्रैल को शाही स्नान करेंगे। कोशिश रहेगी कि पेशवाई में बाहरी भीड़ न हो। हम भी नहीं चाहते की यह महामारी यहां पर फैले। पर इस दिन का लंबे समय तक संत इंतजार करते हैं तो स्नान सुरक्षा के साथ जरूर करेंगे।
हंत राजेंद्र दास अध्यक्ष, निर्मोही अणि अखाड़ा
श्री आनंद अखाड़ा कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद अंतिम स्नान में शामिल नहीं होगा। अखाड़े के करीब 700 संत कुंभ में आये थे लेकिन तीसरे शाही स्नान के बाद सभी वापस लौट गए हैं। इस समय सभी की भलाई इसी में है कि वे स्वयं भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी सुरक्षित रखें।
श्रीमहंत गिरिजानंद सरस्वती आनंद अखाड़ा
हरिद्वार में घटने लगी है यात्रियों की संख्या
कोरोना संक्रमण के चलते धर्मनगरी आने वाली रोडवेज बसों में यात्रियों की संख्या घटने लगी है। फिलहाल उत्तर प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों से आने वाली बसों की संख्या में कमी नजर आ रही है। जबकि शहर में भी जगह-जगह रहने वाली रौनक गायब नजर आ रही है। बस अड्डे पर हरिद्वार से लौटने वालों की संख्या ज्यादा है। हालांकि आने वाली बसों में यात्रियों की संख्या बेहद कम है। शनिवार को आपके प्रिय अखबार ‘हिन्दुस्तान’ ने रोडवेज बस अड्डे के साथ ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में लाइव पड़ताल की। रोडवेज) के हरिद्वार बस अड्डे पर रोडवेज बसों की संख्या बेहद कम थी। उत्तराखंड परिवहन निगम हरिद्वार के सहायक महाप्रबंधक प्रतीक जैन ने बताया कि बसों में यात्रियों की संख्या कम हुई है।