महाराष्ट्र में पहले नाइट कर्फ्यू, फिर वीकेंड लॉकडाउन और अब मिनी लॉकडाउन के बावजूद कोरोना संक्रमण थमता नजर नहीं आ रहा है। शुक्रवार को आए रिकॉर्ड करीब 64 हजार केस और करीब 400 लोगों की मौत के बाद महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने संकेत दिया है कि यदि स्थिति नहीं बदली तो आने वाले दिनों में मिनी लॉकडाउन पिछले साल की तरह पूर्ण लॉकडाउन में बदल सकता है। महाराष्ट्र में 1 मई सुबह 7 बजे तक धारा 144 और कई तरह की पाबंदियां लागू हैं।
अजित पवार ने कहा, ”यदि मौजूदा कोविड प्रतिबंधों का लोग पालन नहीं करते हैं तो हमें पिछले साल की तरह सख्त लॉकडाउन लगाना होगा।” मंगलवार को कोरोना प्रतिबंधों का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने लोगों से अपील की थी कि बेवजह घर से बाहर ना निकलें। हालांकि, राज्य में कई जगहों पर लोग पाबंदियों का उल्लंघन करते हुए भी दिख रहे हैं।
विधायक फंड से करोना के खिलाफ जंग
उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह भी कहा कि राज्य के सभी विधायकों और विधान पार्षदों को इजाजत दी गई है कि वे अपने क्षेत्र में 1 करोड़ रुपए तक के फंड का इस्तेमाल कोरोना संबंधित कामों में कर सकते हैं। अजित पवार ने कहा, ”पिछले साल हमने उन्हें 50 लाख रुपए तक का फंड इस काम में लगाने की इजाजत दी थी।”
रेमडेसिवीर पर क्या बोले पवार?
रेमडेसिवीर की कमी की शिकायतों को लेकर उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा कि प्राइवटे अस्पतालों में कोरोना मरीजों के परिजन डॉक्टरों को बार-बार रेमडेसिवीर की व्यवस्था करने के लिए कहते हैं, यह देखें बिना की संक्रमण की गंभीरता कितनी है। उन्होंने कहा, ”मैं डॉक्टरों से अपील करता हूं कि रेमडेसिवीर का इस्तेमाल केवल गंभीर केसों में करें और इसकी व्यवस्था के लिए कुछ भी कर जाने की जरूरत नहीं है। हम इस पर काम कर रहे हैं।”