कोरोना से बचाव में डबल मास्क पहनने की रणनीति ज्यादा कारगर साबित हो सकती है। खासतौर पर तब जब आप सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े का मास्क लगाएं। वो भी कुछ इस तरह कि कपड़े का मास्क सर्जिकल मास्क के चारों कोनों को चेहरे पर अच्छे से टिका दे।
अमेरिकी सीडीसी के अध्ययन में पुष्टि
-06 फीट की दूरी पर दो मॉडल रख जांचा कि एक के नाक-मुंह से निकलने वाली पानी की कितनी सूक्ष्म बूंदें दूसरे ने ग्रहण की
-40 फीसदी बूंदें बाधित हुईं जब दोनों मॉडल को एक-एक मास्क पहनाया गया, 80% बूंदों का प्रसार रुका दो मास्क लगाने पर
सर्जिकल के ऊपर कपड़े का मास्क लगाएं
-अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने अपने अध्ययन में यह भी देखा कि सर्जिकल मास्क के ऊपर कपड़े का मास्क लगाना कहीं ज्यादा बेहतर है। इससे संक्रमित बूंदों के प्रसार में और भी अधिक कमी आती है।
अग्रिम पंक्ति के कर्मचारी अपनाएं रणनीति
-कोरोना के खिलाफ जंग में अग्रिम मोर्चे पर तैनात स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और सुरक्षाबलों को ‘डबल मास्क’ लगाने पर ज्यादा जोर देना चाहिए। इसकी वजह यह है कि उनके संक्रमण के संपर्क में आने का खतरा अधिक होता है।
नाक-मुंह को अच्छे से ढंकना बेहद अहम
-सीडीसी ने स्पष्ट किया है कि मास्क एक हो या दो, इंसान कोरोना के खतरे से कभी महफूज रह पाएगा, जब वह नाक-मुंह को अच्छे से ढंकेगा। सर्जिकल मास्क के ऊपरे कपड़े का मास्क लगाकर वह सुनिश्चित कर सकता है कि वायरस को शरीर में प्रवेश की कोई जगह न मिल पाए।
रोशनी बाधित हो तो समझो मास्क ठीक है
-मास्क संक्रमण से बचाव में कितना कारगर है, इसकी जांच घर बैठे की जा सकती है। अमेरिकी सीडीसी ने मास्क को किसी प्रकाश स्रोत के नीचे रखकर देखने की सलाह दी है। इस दौरान अगर स्रोत से निकलने वाली रोशनी मास्क के आर-पार न हो तो समझिए वह बेहद सुरक्षित है।
क्या करें, क्या न करें
-सर्जिकल मास्क को एक के ऊपर एक न लगाएं
-नोज-पिन या बैंड से लैस कपड़े का मास्क बेहतर
-फिल्टर, वॉल्व और छेद वाले मास्क लगाने से बचें