अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने की एक मई की समयसीमा को बढ़ाने का फैसला किया है। तालिबान के साथ शांति वार्ता के बीच ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी सैनिकों के एक मई तक लौटने की बात कही थी। अब अमेरिका ने 9/11 की 20वीं बरसी के दिन को नई तारीख के रूप में चुना है। यानी 11 सितंबर से पहले सभी अमेरिकी सैनिक वापस अपने देश लौट जाएंगे। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है।
अमेरिका के एक अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी कि बाइडन प्रशासन ने अब सैनिकों को अफगानिस्तान में रहने देने के लिए नई समयसीमा के रूप में 11 सितंबर के हमलों की 20वीं बरसी को तय किया है। अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर बाइडन के इस फैसले की जानकारी दी। हालांकि इसकी आधिकारिक घोषणा अभी नहीं हुई है और आज यानी बुधवार को इस फैसले पर मुहर लग सकती है। अफगानिस्तान में अभी करीब 2500 अमेरिकी सैनिक हैं।
मगर वार्ता के सफल नहीं होने के चलते यह फैसला टलता रहा। अब अमेरिका ने 9/11 की 20वीं बरसी के दिन को नई तारीख के रूप में चुना है। अमेरिकी सरकार में एक शीर्ष अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि बाइडेन ने कई हफ्तों पहले ही इस संबंध में संकेत देने शुरू कर दिए थे. उन्होंने कहा था कि वापसी की तय तारीख पीछे छूट रही है।
तालिबान ने दी है धमकी
इधर, तालिबान आतंकियों ने अमेरिकी और नाटो कर्मियों पर फिर से हमले करने की धमकी दी है। तालिबान ने कहा है कि तालिबान ने धमकी दी है कि अगर 1 मई की समय सीमा तक विदेशी सैनिक अफगानिस्तान से नहीं हटते हैं तो वे उनके खिलाफ फिर से हमला शुरू करेंगे। गौरतलब है कि 1 मई की समय सीमा पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा फरवरी 2020 में दोहा में तालिबान के साथ अमेरिकी प्रशासन के एक समझौते का ही हिस्सा है। तालिबान ने अपने एक बयान में कहा है कि कि यह अफगानिस्तान के भविष्य के को लेक किसी भी सम्मेलन में भाग लेना जारी नहीं रखेगा, जब तक कि सभी ‘विदेशी सेना’ यहां से नहीं चली जाती। अब यहां देखने वाली बात होगी कि जब बाइडेन आधिकारिक तौर से समय सीमा बढ़ाएंगे तो तालिबना का क्या रुख रहता है।