पंजाब में अगले साल फरवरी-मार्च के महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। राज्य में मुकाबला कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, अकाली दल और बीजेपी के बीच में हैं। चुनाव से पहले हाल ही में पंजाब के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को प्रिंसिपल एडवाइजर नियुक्त किया है, जिसके बाद सवाल खड़े होने लगे कि कांग्रेस के टिकट बंटवारे में क्या पीके की भी कोई भूमिका रहेगी? इन सवालों पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कोई सवाल ही नहीं खड़ा होता है।
पंजाब के मुख्यमंत्री दफ्तर ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने उन मीडिया रिपोर्ट्स पर प्रतिक्रिया दी है, जिसमें कहा जा रहा था कि प्रशांत किशोर पंजाब कांग्रेस में टिकट बांट रहे हैं। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ”कोई सवाल ही नहीं है। पूरे मामले में किशोर की कोई भूमिका नहीं है।” उन्होंने आगे कहा कि मेरे प्रमुख सलाहकार के रूप में उनकी (किशोर की) भूमिका सीमित है। उनका काम केवल सलाह देना ही है, निर्णय लेने का कोई भी अधिकार उनके पास नहीं है।
पिछले महीने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को अपना प्रधान सलाहकार बनाया था। प्रशांत किशोर को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करके बताया था कि यह बताते हुए खुश हूं कि प्रशांत किशोर अब मेरे प्रधान सलाहकार होंगे। पंजाब के लोगों की बेहतरी के लिए साथ काम करने को लेकर आशान्वित हूं।प्रशांत किशोर ने साल 2017 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के लिए रणनीति बनाई थी। वहीं, वर्तमान में किशोर की कंपनी, इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस की मदद कर रही है। किशोर ने वर्ष 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की कमान संभाली थी। इसके अलावा, 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिए भी रणनीति बना चुके हैं।