भाजपा सांसद बृजलाल ने समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से सात सवाल पूछे हैं। उन्होंने पूछा है कि आखिर समाजवादी पार्टी ने पदोन्नति में आरक्षण के बिल का संसद में विरोध क्यों किया था। क्यों सपा ने अपने सांसद आजम खां को दलितों की जमीनों पर कब्जा करने से नहीं रोका। बृजलाल सपा मुखिया द्वारा दलित वाहिनी बनाए जाने के बयान पर रविवार को प्रतिक्रिया दे रहे थे। उन्होंने बयान जारी कर सात सवाल पूछे। कहा कि अब क्यों उन्हें दलित वाहिनी की याद आ रही है।
अखिलेश यादव की सरकार ने ही जनवरी 2015 में प्रदेश में करीब दो लाख दलितों को अपने पद से डिमोट कर दिया था। जो दरोगा था वह सिपाही बना दिया गया। उन्होंने पूछा कि तब दलितों का सम्मान सपा को याद नहीं आया। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद में आजम खां ने बाबा साहब को भू-माफिया करार देते हुए उनका मजाक उड़ाया तब अखिलेश मंच पर बैठे तालियां क्यों बजा रहे थे। उन्होंने सवाल उठाया कि मुलायम सिंह यादव ने भी वर्ष 2004-07 की सरकार में दलितों द्वारा जमीन बेचने के लिए डीएम की अनुमति लेने की अनिवार्यता खत्म करने की तैयारी कर ली थी,लेकिन कुछ विधायकों द्वारा विरोध करने पर ही उन्होंने अपना फैसला रोका। उन्होंने कहा कि दलित अब समाजवादी पार्टी के बहकावे में आने वाले नहीं।