चीन ने गुरुवार को कहा कि लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर तनाव को दूर करने के मकसद से सैन्य कमांडर्स के बीच 11वीं बैठक के लिए वह भारत से संपर्क में है, लेकिन उसने बातचीत के लिए किसी तारीख की पुष्टि नहीं की है। बैठक को लेकर एक सवाल का जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने सीमा पर बिगड़े हालात के लिए फिर भारत को जिम्मेदार ठहराया।
हालांकि, चीन ने इस बात से इनकार किया है कि बातचीत में देरी हो रही है, जबकि 10वें दौर की बातचीत करीब 7 सप्ताह पहले 20 फरवरी को हुई थी। भारत में कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नई दिल्ली और बीजिंग के बीच कॉर्प्स कमांडर लेवल की अगली बातचीत शुक्रवार को हो सकती है। बताया जा रहा है कि अगली बैठक में पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बचे हुए स्थानों से डिसइंगेजमेंट पर बात होगी। 20 फरवरी की बातचीत से पहले दोनों देशों ने पैंगोंग झील के किनारे से सशस्त्र सैनिकों और टैंकों को हटा लिया है।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने गुरुवार को एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ”चीन और भारत के बीच 11वें दौर की बातचीत के लिए संवाद कर रहे हैं। बैठक में कोई देरी नहीं हुई है, जैसा कि आपने कहा।” इसी तरह के एक अन्य जवाब में उन्होंने कहा, ”मुझे आगमी बातचीत को लेकर कोई जानकारी नहीं है।”
झाओ ने आगे कहा, ”मैं इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि भारत-चीन सीमा पर स्थिति स्पष्ट हैं और इसकी जिम्मेदारी चाइनीज पक्ष पर नहीं है। हम उम्मीद करते हैं कि भारतीय पक्ष हमारे नेताओं के बीच बनी सहमति और सीमा पर तनाव को कम करने के लिए संबंधित समझौतों और संधियों को लागू करने के लिए चीन के साथ काम करेगा।”
यह पूछे जाने पर कि क्या चीन अप्रैल 2020 की यथास्थिति को लागू करने के भारत के प्रस्ताव पर विचार करेगा? झाओ ने कहा, ”आपने जिस प्रस्ताव का जिक्र कियाय है, मैं मानता हूं कि इस पर बैठक में बात होनी चाहिए और सीमा मुद्दे पर मैंने अपनी स्थिति साफ कर दी है।”