किसान आंदोलन के कारण से दिल्ली से विभिन्न राज्यों की लगने वाली सीमाओं पर सड़कें बंद हैं। दिल्ली से गाजियाबाद आने के लिए तो रास्ते खुले हैं, लेकिन दिल्ली की तरफ जाने वाली सड़कों को एहतियातन नहीं खोला गया है। आंदोलन के शुरुआती दिनों में नोएडा की सड़कें भी बाधित रहीं, जिसके खिलाफ एक महिला ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।
इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि विरोध-प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक सड़कों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए। महिला ने कोर्ट से नोएडा और दिल्ली के बीच बिना प्रभावित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए सड़कों को खाली कराने के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सड़कों पर यातायात का मुक्त प्रवाह होना चाहिए।आपको बता दें कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान दिल्ली में बीते कई महीनों से प्रदर्शन कर रहे हैं। किसान संगठन और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता भी हो चुकी है, लेकिन अभी तक इसका हल नहीं निकल पाया है। किसान तीनों कानूनों को वापस लेने की अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। किसान दिल्ली से लगने वाली सीमाओं पर सड़क पर आंदोलनरत हैं।
किसान आंदोलन के कारण से दिल्ली जाने वाली कई सड़कें बंद है। इसका सबसे ज्यादा असर रोजाना ऑफिस जाने वाले, व्यापारियों और अन्य यात्रियों पर पड़ रहा है। उन्हें वैकल्पिक रास्तों का सहारा लेना पड़ रहा है।