मुस्लिम वोटर्स से अपील को लेकर चुनाव आयोग से मिले नोटिस के बाद भी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने रुख पर अड़ी हुई हैं। टीएमसी सुप्रीमो ने गुरुवार को एक बार फिर कहा कि वह अब भी एकजुट होकर वोट करने की अपील करेंगी। ममता ने यह भी कहा कि यदि उन्हें 10 कारण बताओ नोटिस भी जारी किए जाएं तो भी परवाह नहीं है।
ममता बनर्जी ने दमजुर में एक रैली के दौरान कहा, ”मुझे 10 कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया जाए तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। हम हर किसी से कह रही हूं कि एकजुट होकर वोट करो, कोई बंटवारा नहीं होगा। नरेंद्र मोदी के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज की गई हैं? वह हर दिन हिंदू-मुस्लिम करते हैं।”
ममता ने आगे कहा, ”उन लोगों के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज की गईं जो नंदीग्राम के मुसलमानों को पाकिस्तानी कहते हैं? क्या वे शर्मिंदा नहीं हैं? वे मेरे खिलाफ कुछ नहीं कर सकते हैं। मैं हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई और आदिवासियों के साथ हूं।” चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को हुगली में चुनाव रैली के दौरान सांप्रदायिक आधार पर मतदाताओं से अपील करने के लिए बुधवार को एक नोटिस जारी किया है। उनसे 48 घंटे के भीतर नोटिस पर जवाब देने को कहा गया है।
नोटिस में कहा गया कि चुनाव आयोग को भाजपा के प्रतिनिधिमंडल से शिकायत मिली है जिसमें आरोप लगाया है कि 3 अप्रैल को, बनर्जी ने हुगली में ताराकेश्वर की चुनाव रैली के दौरान मुस्लिम मतदाताओं से कहा कि उनका वोट विभिन्न दलों में न बंटने दें। ममता बनर्जी ने एआईएमआईएम और आईएसफ जैसी पार्टियों पर निशाना साधते हुए कहा था, ”मैं हाथ जोड़कर अपने अल्पसंख्यक भाई-बहनों से अपने मत शैतान को नहीं देने और अपने मत को बंटने नही देने की अपील करती हूं जिसने भाजपा से पैसे लिए हैं।”
बनर्जी ने कहा था, ”वह कई सांप्रदायिक टिप्पणी करता है और हिंदू-मुस्लिम के बीच झगड़ा करवाता है। वह भाजपा का प्रचारक है, साथी है। माकपा और भाजपा के साथी भाजपा से पैसे लेकर अल्पसंख्यकों के मत बांटने के लिए घूम रहे हैं। उन्हें ऐसा न करने दें। ध्यान रखें कि अगर भाजपा सत्ता में आती है तो वह बहुत बड़े खतरे में होंगे।” चुनाव आयोग ने कहा कि उसने पाया है कि उनका भाषण जन प्रतिनिधित्व कानून और आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन करता है।