बिहार के डेढ़ करोड़ से अधिक बिजली उपभोक्ताओं को बढ़ी हुई दर से बिजली बिल चुकाना होगा। बिहार विद्युत विनियामक आयोग की ओर से दिए गए फैसले को सरकार ने बरकरार रखा है। बिजली कंपनी जितना अनुदान वित्तीय वर्ष 2020-21 में दे रही थी, उतना ही वित्तीय वर्ष 2021-22 में भी देगी। उपभोक्ताओं को अनुदान देने के लिए राज्य सरकार 6043 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में उपभोक्ताओं को मिलने वाले अनुदान पर मुहर लग गई। सरकार के इस निर्णय के बाद उपभोक्ताओं को एक फीसदी से कम यानी मात्र 0.63 फीसदी ही बिजली बिल में अतिरिक्त खर्च करना होगा। सभी तरह की श्रेणियों को मिला दें तो उपभोक्ताओं को पांच से 35 पैसे तक प्रति यूनिट अधिक की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा। हालांकि पहले की तरह ही इस बार भी सरकार ने गांव, गरीबों व किसानों पर मेहरबानी दिखाई है। सबसे अधिक अनुदान किसानों और गरीबों को ही दिया जा रहा है।
किसानों को 70 पैसे यूनिट देना होगा बिल
विनियामक आयोग ने किसानों को 5.55 रुपए प्रति यूनिट बिजली देने पर मुहर लगाई थी। सरकार ने किसानों को 4.85 रुपए प्रति यूनिट अनुदान देने का निर्णय लिया है। इसके बाद किसानों को मात्र 70 पैसे प्रति यूनिट ही बिजली बिल देना होगा।
31 मार्च तक किसान 65 पैसे प्रति यूनिट की दर से खेती में बिजली का उपयोग कर रहे थे। गरीबों के कनेक्शन कुटीर ज्योति में विनियामक आयोग ने 6.10 रुपए प्रति यूनिट का फैसला दिया। सरकार 3.98 रुपए प्रति यूनिट अनुदान देगी और गरीबों को 2.12 रुपए प्रति यूनिट ही बिजली बिल देना होगा। इन दोनों श्रेणी के 59 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को अनुदान देने के मद में सरकार 1600 करोड़ से अधिक खर्च करेगी।