दिलीप वलसे पाटिल महाराष्ट्र के नए गृह मंत्री हो सकते हैं। 100 करोड़ रुपये की वसूली के आरोपों में घिरे अनिल देशमुख के इस्तीफे के बाद वह इस पद को संभालेंगे। दिलीप वलसे पाटिल पुणे ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक हैं। दिलीप वलसे पाटिल को एनसीपी के साफ छवि वाले नेताओं में से एक माना जाता है। वह कई बार महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रह चुके हैं और विधानसभा के स्पीकर का पद भी संभाल चुके हैं। इसके अलावा शरद पवार के एनसीपी में सबसे करीबी नेताओं में से एक माने जाते हैं। हालांकि उन्हें गृहमंत्री बनाए जाने की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। एनसीपी के सूत्रों का कहना है कि गठबंधन सरकार के गठन के दौरान भी पाटिल को गृह मंत्री बनने का ऑफर दिया गया था, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से इससे इनकार कर दिया था।
दरअसल कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार से विस्फोटक बरामद होने के मामले में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह का उद्धव ठाकरे सरकार ने ट्रांसफर कर दिया था। इसी केस में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाझे को एनआईए ने गिरफ्तार किया है। परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि सचिन वाझे को अनिल देशमुख ने मुंबई से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट दिया था। सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में परमबीर सिंह ने यह आरोप लगाया था। इस पत्र के बाद से ही अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग विपक्ष की ओर से की जा रही थी।इसके अलावा परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाई कोर्ट का रुख भी किया था। हालांकि उनकी अर्जी पर कोई आदेश जारी नहीं हुआ, लेकिन सोमवार को वकील जयश्री पाटिल की अर्जी पर कोर्ट ने सीबीआई को देशमुख के खिलाफ प्रारंभिक जांच करने का आदेश दिया है। अदालत का कहना है कि 15 दिनों में सीबीआई रिपोर्ट देगी और उसके आधार पर यह फैसला लिया जाएगा कि देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किया जाए या फिर नहीं। हाई कोर्ट के इस आदेश के बाद से ही एक बार फिर से देशमुख के इस्तीफे की मांग तेज हो गई थी और अंत में शरद पवार से बातचीत के बाद अनिल देशमुख ने पद से इस्तीफा दे दिया।