बिहार के नवादा जिले में जहरीली शराब से अब तक मारे गए 17 लोगों व अस्पताल में भर्ती 8 मरीजों के परिजनों से माले की टीम ने सोमवार को मुलाकात की। जांज दल के लौटने के बाद पटना में सोमवार को प्रेसवार्ता कर पार्टी विधायक रामबली सिंह यादव ने आरोप लगाया कि प्रशासनिक लापरवाही तथा शराबबंदी के कड़े कानूनों के भय से जहरीली शराब के कारण मौतों का आंकड़ा 17 तक पहुंच गया है। प्रशासन ने सही समय पर कदम उठाया होता तो कई लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती थी। आरोप लगाया कि मामले में छोटे पुलिसकर्मियों को निशाना बनाकर असली अपराधियों को बचाने का खेल चल रहा है।
जांच दल में रामाधार सिंह, नरेन्द्र सिंह, भोला राम व ऐपवा की नेता सुदामा देवी भी शामिल थी। विधायक रामबली यादव ने डीएम व एसपी तथा शराबमाफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की मांग की। साथ ही मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी व 20 लाख का मुआवजा देने की मांग की। आरोप लगाया कि जहरीली शराब समाज को लगातार अपने गिरफ्त में लेते जा रही है। शराब का यह अवैध कारोबार बिना राजनेता-प्रशासन-शराब माफिया गठजोड़ के बिना नहीं चल सकता है।
उन्होंने कहा कि शराबबंदी के आतंक से अस्पताल से लेकर परिजन तक शराब पीने की सच्चाई को छुपाते हैं। जिसके कारण सही समय पर पीड़ितों का इलाज नहीं हो पाता और वे मौत के मुंह में चले जा रहे हैं। पुलिस-प्रशासन का रवैया इन मामलों में बेहद नकारात्मक है। वे डंडे के जोर पर मौत के चरित्र को बदल देने का दबाव बनाते हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहरीली शराब का प्रमाण आने के बावजूद पुलिस परिजनों से जबरदस्ती लिखवाती रही कि ये मौतें हार्ट अटैक अथवा मिरगी से हुई है।