असली रजिस्ट्रेशन और नंबर प्लेट लगी गाड़ी उत्तराखंड में हैं, जबकि उसी फर्जी रजिस्ट्रेशन के आधार पर हूबहू रंग की गाड़ी इंफाल में दौड़ रही है। एक नंबर पर दो-दो गाड़ियां, चेकिंग करने वाले का भी दिमाग घूम जाए। जी हां, ऐसा हो रहा था इंटरस्टेट चोर गिरोह की करतूत की वजह से। दरअसल गाड़ियों को चोरी कर उनकी फर्जी आरसी तैयार करते हुए इंफाल और राजस्थान आदि सुदूर राज्यों में बेचा जा रहा था। सरगना समेत इस गिरोह के 13 लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने खुलासा किया है। जिनके पास से दस लग्जरी गाड़ियां, दस बाइक आदि बरामद हुई हैं।
शनिवार को पुलिस अधीक्षक डॉ. धर्मवीर्र सिंह ने अंतर राज्यीय वाहन चोर गिरोह के पकड़ने का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि गैंग लीडर महेंद्र उर्फ घोड़ा पुत्र मक्खन गुर्जर निवासी मवाना मूल निवासी सिखेड़ा परीक्षितगढ़ मेरठ, दीपक सैनी पुत्र राम निवास निवासी गोयना हापुड़, दीपक उर्फ सचिन पुत्र सुरेंद्र निवासी चौकपुरी बिजनौर, शाहिद पुत्र हनीफ निवासी गांव भैंसा मवाना, ऋषभ निवासी अब्दुल रहमानपुर बिजनौर, मोहम्म्मद शाहिद निवासी मवाना, मनव्वर निवासी मंगलौर हरिद्वार, शहजाद निवासी सरकड़ा धामपुर, अमित त्यागी निवासी कमालपुर चांदपुर, अंकित ठाकुर निवासी ठाकुरो वाला कस्बा हापुड़ को गिरफ्तार किया है।
वहीं चोरी की गाड़ियों की मार्केटिंग करने वाले फुंगानगम जिला नौने मणिपुर, नवाज खान जिला इंफाल मणिपुर और जयराम निवासी नवलपुर जयपुर राजस्थान को भी दबोचा है। सरगना समेत 13 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनके पास से महिन्द्रा थार, शेवरले बीट बोलरो, ब्रेजा जैसी दस लग्जरी गाड़ियां और दस बाइक बरामद की गई हैं। वहीं 11 लॉक, 21 चाबी, एआरटीओ की फर्जी मोहर, फर्जी नंबर प्लेट आदि भी बरामद हुई। सरगना पर अलग अलग राज्यों में 32 मामले दर्ज हैं।
गिरोह में सभी का अलग-अलग काम
इस गिरोह में गाड़ी चोरी करने वाले चोर अलग हैं, जिनसे सरगना गाड़ी खरीदकर फर्जी दस्तावेज बनवाता था, चेसिस और इंजन नंबर मेरठ का एक कबाड़ी बदलता था। जिस असली रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर फर्जी कागज तैयार होते थे, उसी के आधार पर गाड़ी का रंग भी बदल दिया जाता था। डेंटर पेंटर की भूमिका शाहिद और मनव्वर निभा रहे थे। राजस्थान और मणिपुर के आरोपियों अपने अपने राज्यों में इन गाड़ियों के खरीदार ढूंढते थे। वहीं मेरठ के ही एक कैफे पर यह सर्च किया जाता था कि कौन से स्टेट या कौन से नंबर की प्लेट बनवानी है। हालांकि फर्जी चेसिस नंबर गोदने वाला और कैफे वाला अभी फरार हैं।
टीम ये रहे शामिल
एएसपी सिटी डॉ. प्रवीण रंजन सिंह और सीओ सिटी डॉ. कुलदीप गुप्ता के निर्देशन में गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली टीम में स्वाट से राज कुमार शर्मा, एसआई संजय कुमार, खालिद और शहर कोतवाली पुलिस से प्रभारी निरीक्षक राधेश्याम, एसआई देवानंद सैनी, एसआई जर्रार हुसैन, अरविंद आदि शामिल रहे। एसपी ने टीम को 25 हजार रुपये का पुरस्कार दिया है।