नोएडा सेक्टर-2 में ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक कैश सिक्योरिटी और लॉजिस्टिक अमेरिकी कंपनी में आठ फरवरी को चोरी का विरोध करने पर गार्ड की हत्या करने वाला हत्यारोपी कंपनी का ही पूर्व रीजनल सिक्योरिटी मैनेजर निकला। पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर कार और हत्या में इस्तेमाल रिवॉल्वर बरामद कर ली है।
सेक्टर-2 में ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड कैश सिक्योरिटी और लॉजिस्टिक कंपनी एटीएम में कैश डालने सहित लॉजिस्टिक का काम करती है। कंपनी में आठ फरवरी की रात हथियारबंद बदमाश दीवार फांदकर अंदर घुस गया। इस बीच सुरक्षाकर्मी 44 वर्षीय उत्तम केशरवानी ने बदमाश को रोका तो बदमाश ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना का खुलासा करते हुए नोएडा जोन एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि गार्ड की हत्या करने वाले हत्यारोपी को रविवार को रजनीगंधा रेड लाइट के पास से गिरफ्तार किया है। हत्यारोपी कंपनी का पूर्व रीजनल सिक्योरिटी मैनेजर है। आरोपी की पहचान अरुण गहलोत निवासी मित्ररांव थाना बाबा हरिदास नजफगढ़ दिल्ली के रूप में हुई है।
नौकरी से निकाले जाने से था नाराज : सितंबर 2020 में कंपनी प्रबंधन ने कोविड 19 के कारण लगे लॉकडाउन मे हुई छंटनी के दौरान अरुण को नौकरी से निकाल दिया। इससे उसको काफी आघात पहुंचा, क्योंकि उसने काम के दौरान कंपनी को काफी आर्थिक लाभ पहुंचाया था।
पहचान छुपाने के लिए गोली मारी थी
8 फरवरी को अरुण चोरी के इरादे से कंपनी में घुसा था, लेकिन गार्ड उत्तम ने उसे पकड़ लिया। इसी बीच गार्ड उत्तम ने उसका मास्क खींच लिया। गार्ड द्वारा पकड़े जाने पर अरुण ने उसकी गोली मारकर हत्या कर दी और मौके से फरार हो गया। एडीसीपी ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और कंपनी का सिक्योरिटी रजिस्टर चेक करने के साथ कंपनी के कुछ पूर्व कर्मचारियों ने भी आरोपी की पहचान की थी।
सीआरपीएफ के असिस्टेंट कमांडर के पद से दिया था इस्तीफा
एडीसीपी रणविजय सिंह ने बताया कि अरुण गहलोत 2003 में सीआरपीएफ में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुआ था। 2014 में अरुण ने असिस्टेंट कमांडेंट के पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उसने विभिन्न कंपनियों में बतौर सिक्योरिटी हेड नौकरी की। 2018 में अरुण ने सेक्टर-2 स्थित ब्रिंक्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में रीजनल सिक्योरिटी मैनेजर के पद पर नौकरी शुरू की। उसकी सैलरी करीब एक लाख रुपये थी।