कानपुर स्थित एलपीएस इंस्टिट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी में रविवार सुबह अचानक आग लगने से हड़कंप मच गया। आग फस्ट फ्लोर में स्थित इमर्जेंसी वॉर्ड में लगी है। आग लगने के बाद अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया है। आग लगने के बाद सभी मरीजों को शीशे तोड़कर बाहर निकाला और दूसरी जगह शिफ्ट किया। आग लगने के बाद मची अफरातफरी के बीच एक मरीज की मौत हो गई।कमिश्नर डॉ. राजशेखर ने बताया कि किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। एक गंभीर रोगी की आग लगने से पहले सुबह 6:30 बजे मौत हो गई थी जबकि एक अन्य मरीज की सुबह 9:20 पर मौत हुई है, उसे पेसमेकर लगा था।
पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि घटना के वक्त पुरानी बिल्डिंग में करीब 140 मरीज थे। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया है। बिल्डिंग की जांच की जा रही है अभी तक किसी के फंसे होने की सूचना नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि आग की वजह से किसी की मौत और जख्मी होने की सूचना नहीं मिली है। एहतियात के तौर पर 10 एंबुलेंस लगाई गई हैं। नई बिल्डिंग में अस्थाई तौर पर मरीजों को शिफ्ट कर दिया गया है। ऑक्सीजन स्कोप एंड सिस्टम भी पहुंचा दिए गए हैं।
वहीं, कार्डियोलॉजी निदेशक प्रोफेसर विनय कृष्णा का कहना है कि स्थिति पर काबू पा लिया गया है। सभी मरीजों को शिफ्ट करा दिया गया है। ऑक्सीजन के इंतजाम कर दिए गए हैं। गंभीर रोगियों के लिए वेंटीलेटर की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा एसीपी महेंद्र सिंह ने बताया कि प्राथमिक जांच में पता चला है कि ग्राउंड फ्लोर पर स्थित स्टोर में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। फायर सर्विस के लोग जांच कर बताएंगे कि आग लगने की क्या वजह रही। वहीं, इस हादसे के बाद कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण भी मौके पर पहुंचे गए हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने लिया संज्ञान
वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस दुर्घटना को तत्काल संज्ञान में लेते हुए जिला प्रशासन से सभी घायलों को समुचित इलाज कराने तथा इस संबंध में तथ्य प्रस्तुत करने के निर्देश दिया है। इसके साथ-साथ जांच के लिए उन्होंने एक उच्च स्तरीय समिति डी.जी. फायर सर्विस, आयुक्त कानपुर मंडल और प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा की गठित की है, जो तत्काल मौके पर जाकर संपूर्ण तथ्यों की जांच करेगी। सीएम ने यह भी निर्देश दिए हैं कि जैसे पूर्व में सभी अस्पतालों में अग्निशमन सेवाओं को सुदृढ़ करने के निर्देश दिए गए थे पर पुनः से सभी अस्पतालों में जांच करा ली जाए ताकि इस तरह की दुर्घटना कहीं अन्य अस्पताल में न हो।