दक्षिण सऊदी अरब के एक ऑयल टर्मिनल पर आग लग गई। देश के ऊर्जा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि यमन में रियाद का नेतृत्व करने वाले सैन्य इंटरवेंशन की छठी वर्षगांठ पर शउदी अरब में एक ऑयल टर्मिनल पर आग लगाने की इस घटना को अंजाम दिया।
मंत्रालय ने बताया कि इस हमले के पीछे कौन था अभी यह पता नहीं चल पाया है, लेकिन यमन के हूती विद्रोहियों पर इसको लेकर शक जताया जा रहा है। ये राज्य के ऊर्जा प्रतिष्ठानों पर बढ़ते हमलों को अंजाम देते रहे हैं।
बता दें कि सऊदी अरब के नेतृत्व में अरब देशों ने यमन हूती विद्रोहियों के खिलाफ जंग छेड़ी हुई है। लेकिन हाल ही में रियाद ने संघर्षविराम का प्रस्तान सामने रखा था। मंत्रालय ने कहा कि सऊदी अरब द्वारा शांति की बातचीत भी यह हमला हुआ है।
इसके अलावा मंत्रालय ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। मंत्रालय ने कहा कि यह हमला सिर्फ उनके देश पर हमला नहीं था, यह विश्व अर्थव्यवस्था और वैश्विक ऊर्जा पर हमला है।
हूती विद्रोहियों ने इस संघर्षविराम को “कुछ भी नया नहीं” कहकर तेजी से खारिज कर दिया और उन्होंने अपनी मांग दोहराई कि यमन पर सऊदी के नेतृत्व वाली हवा और समुद्री नाकाबंदी को पूरी तरह से हटा दिया जाए।
रियाद ने मार्च 2015 में यमन में एक सैन्य गठबंधन का नेतृत्व किया था जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार का गठन करने के लिए किया गया था। लेकिन यह ज्यादातर विद्रोहियों को बाहर करने के लिए था।
गठबंधन का कहना है कि उसने ईरान से विद्रोहियों को हथियारों की तस्करी को रोकने के लिए एक नौसैनिक और हवाई नाकाबंदी लागू की।