मुंबई के सनराइज मॉल की तीसरी मंजिल पर बने कोविड-19 अस्पताल में लगी भीषण आग के चलते 10 लोगों की मौत हो गई है। रात को करीब 12 बजे लगी इस आग पर अब काबू पा लिया है। इस बीच सीएम उद्धव ठाकरे ने घटनास्थल का दौरा किया है और हादसे पर शोक व्यक्त किया है। सीएम उद्धव ठाकरे ने मॉल में अस्पताल चलने पर उठ रहे सवालों का भी जवाब दिया और कहा कि जरूरत के हिसाब से अस्पताल बने थे। अस्पताल चलाने को लेकर एनओसी पर उठे सवाल पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह नियमों के अनुसार ही चल रहा था और अस्पताल चलाने के लिए 31 मार्च तक की एनओसी दी गई थी। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुखद है और हम उन लोगों को बचा नहीं सके, जो कोरोना के इलाज के लिए वेंटिलेटर पर थे।
5 लाख रुपये के मुआवाजे का ऐलान: इस दौरान सीएम उद्धव ठाकरे ने हादसे में मौत का शिकार हुए लोगों के परिजनों को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। सीएम उद्धव ठाकरे ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद कहा, ‘इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के परिजनों को मुआवजा दिया जाएगा।
CM उद्धव ठाकरे ने मांगी माफी: इस हादसे में मरने वाले ज्यादातर लोग वेटिंलेटर पर थे। हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति मैं संवेदना व्यक्त करता हूं और अपनी तरफ से माफी मांगता हूं।’ मॉल में अस्पताल चलने के सवाल पर सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते जरूरत के हिसाब से अस्पताल बनाए गए थे। उसके संचालन में कोई गड़बड़ी नहीं थी।मेयर ने जताई हैरानी, सीएम बोले- सब ठीक था: हालांकि सीएम उद्धव ठाकरे के बयान मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर के उलट है, जिन्होंने मॉल के एक फ्लोर पर कोविड अस्पताल चलाए जाने को लेकर हैरानी जताई थी। इस बीच बीजेपी का कहना है कि यहां कोविड-19 अस्पताल चलाने के लिए एनओसी नहीं ली गई थी। पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) प्रशांत कदम के अनुसार, आग की लपटों को बुझाने के लिए करीब 22 फायर टेंडर अस्पताल पहुंचे। इस अस्पताल में 76 कोरोना संक्रमित थे, जो एक मॉल की तीसरी मंजिल पर स्थित है। फिलहाल आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है और इसके लिए जांच का आदेश दिया गया है।