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मनसुख हिरेन मर्डर केस: मारने से पहले हत्यारों ने उसे जबरन दिया था क्लोरोफॉर्म, ATS को संदेह
हिन्दुस्तान ,नई दिल्ली | Published By: Surya Prakash
- Last updated: Thu, 25 Mar 2021 01:21 PM
मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध स्कॉर्पियो कार से जुड़े शख्स मनसुख हिरेन की हत्या के मामले की जांच कर रही महाराष्ट्र एटीएस ने बड़ा खुलासा है। एटीएस का कहना है कि हत्या से पहले शायद मनसुख हिरेन को जबरन क्लोरोफॉर्म दिया गया था। एटीएस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर यह संदेह जाहिर किया है, जिसके मुताबिक उनकी मौत से पहले ही उनके शरीर पर चोट के निशान थे। मनसुख हिरेन की लाश 5 मार्च को मुंबई के पास एक क्रीक पर मिली थी। फिलहाल एनआईए की ओर से मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध कार के मामले की जांच की जा रही है और इस केस की भी जांच वह अपने हाथों में ले रही है।
फिलहाल जांच अधिकारी यह जानने में जुटे हैं कि अपराध के वक्त निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे मौके पर मौजूद था या नहीं। हालांकि टेक्निकल मोबाइल टावर और आईपी इवैल्युएशन के आधार पर मिली जानकारी से यह पता चलता है कि जब मनसुख हिरेन की हत्या हुई, तब वह गाड़ी में मौजूद था। फिलहाल वाझे एनआईए की गिरफ्त में है और एजेंसी की ओर से उससे पूछताछ की जा रही है। एटीएस ने पूर्व कॉन्स्टेबल विनायक शिंदे (55) और नरेश धारे (31) को अरेस्ट किया है। नरेश धारे क्रिकेट बुकी है। फिलहाल इन दोनों से पूछताछ की जा रही है और कई फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स की मदद से कुछ गाड़ियों के जरिए कोई क्लू तलाशने की कोशिश हो रही है।
क्या कहती है मनसुख हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट?
मनसुख हिरेन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मौत से पहले ही उसके चेहरे पर कुछ चोटों के निशान थे। इससे ऐसा लगता है कि उसके साथ जबरदस्ती की गई होगी और ऐसा क्लोरोफॉर्म देने के लिए किया गया होगा। पोस्टमार्ट रिपोर्ट के मुताबिक मनसुख हिरेन के चेहरे के बाईं ओर जख्म पाया गया है और नाक के ऊपरी हिस्से में भी चोट है। इसके अलावा दाईं तरफ भी गाल के ऊपर कुछ निशान है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक मनसुख हिरेन के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों में कोई चोट नहीं है।
बेहोश होने के बाद हत्या के लिए ले जाया गया?
एटीएस अधिकारियों को संदेह है कि जब मनसुख हिरेन को क्लोरोफॉर्म दिए जाने की कोशिश की गई होगी तो उसने संघर्ष किया होगा और इस दौरान ही जोर-जबरदस्ती में उसके चेहरे पर चोटें आई हैं। जांचकर्ताओं को संदेह है कि क्लोरोफॉर्म देने के बाद मनसुख हिरेन बेहोश हो गया होगा और फिर उसकी हत्या के लिए ले जाया गया।