पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से होने वाले विधानसभा चुनाव के चुनाव से पहले टीएमसी विधायक और उम्मीदवार ज्योत्सना मंदी की संपत्ति को लेकर हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) नामक संस्था की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है कि ज्योत्सना मंडी की संपत्ति में 1985.68 फीसदी का इजाफा हुआ है।
टीएमसी विधायक मंडी द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार, ज्योत्सना की 2016 में कुल संपत्ति 1,96,633 रुपये थी, जो 2021 में बढ़कर 41,01,144 रुपये हो गई। इन पांच सालों में उनकी संपत्ति में 39,04,511 रुपये की वृद्धि हुई है जो करीब 2000 फीसदी है। बता दें कि वह बांकुरा जिले में रानीबांध (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से पश्चिम बंगाल विधानसभा का चुनाव लड़ रही हैं।
एडीआर की ओर से पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में खड़े 191 उम्मीदवारों में से 30 प्रत्याशियों के हलफनामों का विश्लेषण किया गया है। इनमें से सुदीप कुमार मुखर्जी की संपत्ति में 288 फीसदी का इजाफा हुआ है। सुदीप पुरुलिया सीट से कांग्रेस की टिकट पर 2016 में चुनाव जीते थे और अब वह भाजपा में हैं। पांच साल पहले मुखर्जी की संपत्ति 11,57,945 थी, जो साल 2021 में बढ़कर 45,02,782 हो गई।
वहीं, पश्चिम बंगाल में 27 मार्च को होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण में खड़े 191 उम्मीदवारों में से 48 प्रत्याशियों (25 प्रतिशत से कुछ अधिक) ने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) नामक संस्था की एक रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई। रिपोर्ट में कहा गया कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले चरण में खड़े प्रत्येक उम्मीदवार के पास औसतन 43.77 लाख रुपये की संपत्ति है।
एडीआर रिपोर्ट के अनुसार, 96 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता कक्षा पांच से 12वीं के बीच बताई है और 92 उम्मीदवारों ने खुद को स्नातक बताया है। एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार तीन उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। वेस्ट बंगाल इलेक्शन वाच नामक संस्था और एडीआर ने पहले चरण का चुनाव लड़ रहे सभी 191 प्रत्याशियों के हलफनामे का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 48 (25 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले होने की घोषणा की है जबकि 42 (22 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है। रिपोर्ट में कहा गया कि 191 उम्मीदवारों में से 19 करोड़पति हैं।
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ड़ी पार्टियों में से माकपा के 18 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 10 (56 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकार की है। इसी प्रकार भाजपा के 29 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया गया जिनमें से 12 (41 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की है। इसके अलावा जिन प्रत्याशियों का विश्लेषण किया गया उनमें से तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 10 (35 प्रतिशत), कांग्रेस के 6 में से 2 (33 प्रतिशत), एसयूआईसी (सी) के 28 में से 3 (11 प्रतिशत) और बसपा के 11 में से एक (नौ प्रतिशत) उम्मीदवार ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की बात कबूल की है।