पश्चिम बंगाल में जल्दी ही विधानसभा के चुनाव शुरु होने वाले हैं। इस बीच सभी राजनीतिक दल अपने-अपने प्रत्याशियों की लिस्ट जारी कर रहे हैं। इस बीच कई जगहों पर उम्मीद के अनुसार प्रत्याशियों को टिकट न मिलने से पार्टी के कार्यकर्ता नाराज भी हो जा रहे हैं। कई मामलों में देखने को मिल रहा है कि टिकट न मिलने के कारण उम्मीदवार ने या तो नाराज होकर पार्टी छोड़ दी या फिर विपक्षी दल में शामिल हो गए।
इस बीच ऐसी ही एक खबर पश्चिम बंगाल के मालदा से आ रही है। यहां पर भाजपा कार्यकर्ता पार्टी से नाराज हैं, क्योंकि उनके पसंदीदा उम्मीदवार को विधानसभा का टिकट नहीं मिला। भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के मालदा में स्थित कार्यालय पर जमकर नारेबाजी और तोड़फोड़ की है और विधानसभा क्षेत्र में अपनी पसंद के उम्मीदवार की मांग की।
इससे पहले भी राज्य में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें देखने को मिला है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने पसंदीदा उम्मीदवीरों को टिकट न मिलने को लेकर पार्टी मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया है।
इससे पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने जलपाईगुड़ी सदर विधानसभा क्षेत्र से सुजीत सिंघा को पार्टी के उम्मीदवार के रूप में घोषित किए जाने के बाद डीबीसी रोड जलपाईगुड़ी में पार्टी कार्यालय पर तोड़फोड़ की थी।
वहीं, जगद्दल विधानसभा सीट से अरिंदम भट्टाचार्य को उम्मीदवार बनाए जाने का भी जमकर विरोध किया गया। इसके खिलाफ भी पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की गई। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “हम अरिंदम को अपना उम्मीदवार नहीं मान सकते। हम अरुण ब्रह्मा को अपना उम्मीदवार बनाना चाहते हैं।”
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में बीजेपी की ओर से तृणमूल कांग्रेस से आए तमाम नेताओं को टिकट दिए जाने के चलते पार्टी में अंतर्कलह बढ़ गई है। बीते मंगलवार को पार्टी के कोलकाता स्थित दफ्तर पर सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता जुटे और इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदर्शन कर रहे बीजेपी के कार्यकर्ताओं का एक वर्ग इस दौरान हिंसक हो गया और पत्थरबाजी शुरू कर दी। उन्हें हटाने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी थीं।
वहीं, इससे इतर भाजपा के दो उम्मीदवार जिन्हें विधानसभा के टिकट दिए गए, उन्होंने चुनाव लड़ने से ही इनकार कर दिया। इससे भी राज्य में भाजपा की काफी किरकिरी हुई है। दरअसल पार्टी ने शिखा मित्रा को चौरंगी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे (भाजपा) कहा कि मैं चुनाव नहीं लड़ने जा रही हूं। उन्होंने मुझसे सलाह भी नहीं ली और अचानक मेरे नाम की घोषणा कर दी। यह गलत बात है।” आपको बता दें कि शिखा मित्रा पश्चिम बंगाल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोमेन मित्रा की पत्नी हैं।
शिखा मित्रा के अलावा बेलगछिया सीट के लिए घोषित उम्मीदवार तरुण साहा ने भी यह कहते हुए चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया कि उन्होंने पार्टी को पहले ही सूचित कर दिया था कि वह चुनाव नहीं लड़ेगें।
आपको बता दें कि बंगाल में पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे और वोटों की गिनती 2 मई को होगी। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को, दूसरे चरण का एक अप्रैल को, तीसरे चरण का 6 अप्रैल को, चौथे चरण का 10 अप्रैल को, पांचवें चरण का 17 अप्रैल को, छठे चरण का 22 अप्रैल को, सातवें चरण का 26 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। वहीं वोटों की गिनती 2 मई को होनी है।