दिल्ली के सफदरगंज रेलवे स्टेशन से गाजियाबाद के बीच नई मेमू ट्रेन का ट्रायल किया गया। यह ट्रेन 130 किलोमीटर प्रतिघंटा के हिसाब से चलने की क्षमता रखती है। इसे चेन्नई स्थित इंटिग्रेल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में तैयार किया गया है। 13 मार्च को रेलवे सुरक्षा आयुक्त समेत अन्य अधिकारियों की निगरानी में इसका ट्रायल किया गया। मंजूरी मिलने के बाद यह ट्रैक पर दौड़ने लगेगी।
झपटमारी की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए नई ट्रेन की खिड़कियों में जाल लगाया गया है। ट्रेन में सामान चोरी करने वालों पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। इसके अलावा इसमें ऐसा सिस्टम लगा है कि चालक और गार्ड किसी भी समय एक बटन दबाकर आपस में बात कर सकते हैं। ट्रेन में आरामदायक फोम की सीट हैं। हर कोच में वेस्टर्न शौचालय के साथ ट्रेन के आगे और पीछे अतिरिक्त शौचालय हैं। इसका इंटीरियर स्टेनलेस स्टील का है। इतना ही नहीं, सामान रखने के लिए मोटे शीशे के लगेज रैक बनाए गए हैं। जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली लगाई गई है। जो स्टेशन, समय आदि जानकारी देती हैं।बीच में नहीं मोटर कोच
सभी कोच में मोटर मेट्रो की तर्ज पर नीचे की तरफ लगाई गई हैं, जिससे चलते हुए यात्रियों को इसका शोर नहीं सुनाई देगा। सभी कोच एक-दूसरे से इस तरह जुड़े हुए होंगे की यात्री एक सिरे से आखिर तक जा सकेंगे। बीच में मोटर न लगाने से जगह भी बचेगी। वर्तमान मेमू ट्रेन में 2402 यात्रियों की क्षमता होती है। इस नई ट्रेन में 2618 यात्री सफर कर सकेंगे। कोच का साइज भी बड़ा है। चालक कैबिन में एसी लगा है।