उत्तर प्रदेश की टीम विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में रविवार को उतरेगी तो उसका फोकस शानदार फॉर्म में चल रहे मुंबई के कप्तान पृथ्वी शॉ के बल्ले पर अंकुश लगाने पर रहेगा जिन पर नेशनल सिलेक्टर्स की भी नजरें होंगी। शॉ अभी तक टूर्नामेंट में 754 रन बना चुके हैं जिसमें नाबाद 105, नाबाद 227, नाबाद 185 और 165 रन शामिल हैं। रोहित शर्मा अगर रेस्ट लेते हैं तो इंग्लैंड के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज में उन्हें मौका मिल सकता है।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि ऐसा होगा या नहीं लेकिन 21 साल के शॉ ने मैदान के भीतर और बाहर अपना सबक ले लिया है जिससे वह नेशनल वनडे चैम्पियनशिप में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे हैं। घरेलू सर्किट पर उनके प्रदर्शन का जवाब नहीं, लिहाजा नेशनल सिलेक्टर्स ज्यादा समय तक उनकी अनदेखी नहीं कर सकते। वहीं कोच ज्ञानेंद्र पांडे की उत्तर प्रदेश टीम ने युवा कप्तान करण शर्मा के मार्गदर्शन में शानदार प्रदर्शन किया है। बाएं हाथ के तेज गेंदबाज यश दयाल फाइनल में अपनी इनस्विंगर से शॉ को परेशान करने की कोशिश करेंगे।
शॉ के शानदार प्रदर्शन के कारण मुंबई के बाकी बल्लेबाजों को ज्यादा कुछ करना ही नहीं पड़ा लेकिन वे भी अपनी उपयोगिता साबित करना चाहेंगे। इनमें यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान, आदित्य तारे, शम्स मुलानी और शिवम दुबे शामिल हैं। टूर्नामेंट में सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड बना चुके शॉ अगर नाकाम रहते हैं तो इनमें से एक को पारी के सूत्रधार की भूमिका निभानी होगी।
गेंदबाजों में धवल कुलकर्णी 14 विकेट ले चुके हैं। तुषार देशपांडे और स्पिन तिकड़ी प्रशांत सोलंकी, तनुष कोटियां और शम्स मुलानी ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। गुजरात को पांच विकेट से हराने वाली उत्तर प्रदेश की टीम तीसरी बार फाइनल में पहुंची है। उनके लिए करण, विकेटकीपर उपेंद्र यादव और अनुभवी अक्षदीप नाथ का प्रदर्शन अहम होगा। मुंबई तीन बार खिताब जीत चुकी है और आखिरी बार 2018-19 में जीता था। वह सीजन का अंत जीत के साथ करना चाहेगी। मैच सुबह नौ बजे से शुरू होगा।