बिहार विधानसभा में शनिवार को कोरोना जांच के आंकड़ों में गड़बड़ी और मंत्री रामसूरत राय के स्कूल में शराब की खेप मिलने के आरोपों को लेकर दो बार जमकर हंगामा मचा। पहली बार प्रश्नोत्तरकाल में विपक्ष ने कोरोना आंकड़ों में गड़बड़ी के मामले की जांच के लिए अब तक विधानसभा की कमेटी न गठित किए जाने पर जमकर हंगामा मचाया। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दूसरी बार, शून्यकाल के दौरान मंत्री रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्षी विधायक वेल में आ गए। इस दौरान सदन में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हो गए। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव मंत्री रामसूरत राय पर आरोप लगा रहे थे इसी दौरान उपमुख्यमंत्री ने अध्यक्ष से पहले से तय महत्वपूर्ण विषय पर ही चर्चा कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह विषय पहले से सूचीबद्ध नहीं है। सदन इस तरह से नहीं चल सकता। इस पर तेजस्वी यादव ने आपत्ति की और विपक्षी विधायक अपनी जगह से उठकर विरोध जताने लगे। इसके बाद अध्यक्ष ने दो बजे तक के लिए कार्यवाही स्थगित कर दी। सदन से बाहर आकर विपक्षी सदस्य अध्यक्ष कक्ष के बाहर धरने पर बैठ गए।
तेजस्वी ने की मंत्री की बर्खास्तगी की मांग
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव स्कूल में शराब की खेप मिलने को लेकर मंत्री रामसूरत राय पर हमलावर हैं। उन्होंने इस मामले में मंत्री रामसूरत राय की बर्खास्तगी की मांग उठाई। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि मंत्री ही उस स्कूल के संचालक हैं जहां शराब पकड़ी गई थी। नेता प्रतिपक्ष से सवाल उठाते हुए कहा कि अगर किसी को लीज पर दिया था तो उसका एग्रीमेंट प्रस्तुत करें। कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी कि जिस भवन में भी शराब मिलेगा वहां थाना खोला जाएगा तो अभी तक वहां थाना क्यों नहीं खोला गया। उन्होंने कहा कि स्कूल में शराब मिलने के प्रकरण में जिस अमरेंद्र को जेल भेजा गया है उसके भाई अंशु ने कहा कि स्कूल में शराब का ट्रैक आने की सूचना मेरे भाई ने ही थाने को दी थी। इसके बावजूद उसे ही आरोपी बनाकर जेल भेज दिया गया।
परिवार के सदस्यों का नाम लेने पर स्पीकर ने टोका
हंगामे के दौरान स्पीकर ने मंत्री के परिवार के सदस्यों का नाम लिए जाने पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को टोका। उन्होंने कहा कि सदन में बिना प्रमाण सदस्यों के परिवारीजनों का नाम नहीं लेना चाहिए। वहीं सत्ता पक्ष का कहना कि मंत्री रामसूरत राय का उस स्कूल से कोई लेना-देना नहीं है जहां से शराब की बरामदगी हुई है। मंत्री का 2012 में अपने भाई से रजिस्टर्ड बंटवारा हो चुका है। वह जगह मंत्री की नहीं है।