उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूरी के वसंत विहार स्थित आवास पर जाकर उनसे शिष्टाचार भेंट की। रावत ने उन्हें अपना राजनीतिक गुरु कहते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन से प्रदेश में विकास कार्याें को गति देंगे। यह पूछे जाने पर कि कैबिनेट विस्तार कब तक होगा,तीरथ ने कहा कि जल्द हस निर्णय लिया जाएगा। ‘कौन सी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा जाएगा, इस पर पार्टी हाईकमान सहित प्रदेश वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित सांसदों से विचार विर्मश करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा। वहीं, गुरुवार सुबह से ही समर्थको व पार्टी कार्यकर्ताओं का हुजूम सीएम आवास में उमड़कर सीएम तीरथ को बधाई देने के लिए पहुंच रहा था।
वहीं शाम को तीरथ अधिकारियों के साथ बैठक भी ले सकते हैं। मुख्यमंत्री की ताजपोशी के बाद तीरथ की सबसे पहले चुनौती मंत्रिमंडल विस्तार करना होगा।मंत्रिमंडल में सीएम समेत कुल मिलाकर 12 लोग शामिल होंगे। अभी लंबे समय से मंत्रियों के तीन पद खाली चल रहे थे। इन तीन पदों को लेकर लंबे समय तक जोरआजमाइश चलती रही। हालांकि, अब नये सिरे से मंत्रियों के सभी पद भरे जाते हैं, तो तीन नए मंत्री बनेंगे, बाकी एक सीएम के अलावा आठ पुराने मंत्रियों में कुछ ड्रॉप भी हो सकते हैं। मंत्रिमंडल में जगह बनाए रखने के लिए सभी ने ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इसके लिए दिल्ली के संपर्कों को भी खंगाला जा रहा है। जबकि, कुछ नेता आरएसएस की शरण में पहुंच गए हैं। इसी खींचतान की वजह है, जो सीएम तीरथ सिंह रावत ने अकेले ही शपथ ली। मंत्रिमंडल अलग से शपथ लेगा। नए मंत्रिमंडल के वो नए चेहरे कौन होंगे, इस पर अभी रहस्य बना हुआ है। माना जा रहा है कि, जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन कर लिया जाएगा। मंत्रिमंडल में तीरथ सिंह रावत को क्षेत्रीय संतुलन साधना होगा। गढ़वाल-कुमाऊं के साथ ही पहाड़-मैदान का भी संतुलन बनाए रखना होगा। टीम में युवा, अनुभवी, महिला, पूर्व सैनिक और पिछड़े वर्ग को भी साथ लेकर चलना होगा। उनकी नुमाइंदगी को सुनिश्चित करना होगा। जिलों में भी संतुलन साधना होगा। क्योंकि, अक्सर कई जिलों के ज्यादा से ज्यादा मंत्रियों की नुमाइंदगी हो रही है। कई जिले ऐसे हैं, जिनका लंबे समय से प्रतिनिधित्व नहीं रहा है। पिछली सरकार में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़, चंपावत से कोई मंत्री नहीं था