यकृत एवं पित्त विज्ञान संस्थान (आईएलबीएस) ने मंगलवार को दावा किया कि वह ”एकमात्र ऐसा सरकारी संस्थान बन गया है जिसने पिछले 10 साल में 100 से ज्यादा बच्चों का यकृत प्रतिरोपण किया है। यकृत संबंधी बीमारियों का इलाज करने वाला सरकारी सुपरस्पेशियलिटी स्वायत्त संस्थान आईएलबीएस वसंत कुंज, नयी दिल्ली में स्थित है। संस्थान द्वारा जारी बयान के अनुसार, कई बच्चों का यकृत प्रतिरोपण सरकार से मिले पैसे या लोगों द्वारा जुटाए गए पैसों से हुआ है।
आईएलबीएस के यकृत प्रतिरोपण सर्जरी के प्रमुख विनियेन्द्र पामेचा ने बताया कि प्रतिरोपण बेहद जटिल सर्जरी प्रक्रिया है जिसमें कई विशेषज्ञों और उनके सहयोग की आवश्यकता होती है। पामेचा ने बताया कि प्रतिरोपण सर्जन ‘प्राप्तकर्ता के शरीर से बीमार लिवर को निकालता है और डोनर के लिवर से लिए गए स्वस्थ हिस्से को उसकी जगह पर लगाता है।