महराजगंज साइबर सेल व फरेंदा पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय साजिश का खुलासा कर रविवार को नेपाली नागरिकों का फर्जी तरीके से भारतीय आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। इस मामले में पुलिस टीम ने तीन साइबर अपराधियों को भी गिरफ्तार कर उनके पास से 13 ग्राम पंचायत का मोहर, लैपटाप, प्रिंटर, फिंगर व रेटिना स्कैनर, जीपीएस लोकेटर समेत फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किए जा रहे कई अन्य इलेक्ट्रानिक डिवाइस व साठ हजार रुपया बरामद किया है। तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया।
एसपी प्रदीप गुप्ता ने रविवार को पर्दाफाश करते हुए बताया कि मुखबिर के जरिए सूचना मिली थी कि महराजगंज के पते से नेपाली नागरिकों का गोरखपुर जनपद के कैम्पियरगंज, पीपीगंज व फरेंदा में फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया जा रहा था। पुलिस इस मामले पर गहनता से नजर जमाए हुए थी। रविवार को फरेंदा पुलिस व साइबर सेल को सूचना मिली कि कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र के भौराबारी चौराहा पर स्थित विश्वकर्मा मोबाइल केयर दुकान से कुछ नेपाली फर्जी आधार कार्ड बनाकर टेम्पो से वापस सोनौली लौट रहे हैं।
इस सूचना पर फरेंदा थाना के प्रभारी निरीक्षक गिरिजेश उपाध्याय, साइबर सेल प्रभारी मनोज पंत, फरेंदा थाना के कांस्टेबिल प्रदीप प्रजापति व बुद्धिराम कुशवाहा, महिला आरक्षी गीता गुप्ता, रेखा पांडेय व नीता तिवारी के अलावा साइबर सेल के हेड कांस्टेबिल प्रफुल्ल यादव, कांस्टेबिल आलोक पांडेय व सत्येन्द्र मल्ल फरेंदा दक्षिणी बाईपास पर पहुंच गए। टेम्पो को रोकने का इशारा किया, लेकिन वह पीछे मोड़ भागने लगा। टीम ने दौड़ा कर पकड़ लिया। टेम्पो में चालक के अलावा चार नेपाली महिलाएं व दो नेपाली पुरुष बैठे थे। चालक ने अपना नाम अमरनाथ(30) बताया। वह सोनौली के गौतमबुद्ध नगर वार्ड का निवासी है। पूछताछ में चालक ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग की जानकारी दी। इसके बाद पुलिस टीम विमलेश विश्वकर्मा निवासी भौराबारी थाना कैम्पियरगंज जिला गोरखपुर व दिलशाद निवासी वार्ड नम्बर 11 थाना सोनौली को हिरासत में ले लिया गया।
फर्जीवाड़ा का मास्टर माइंड है सोनौली का दिलशाद
टेम्पो चालक ने बताया कि इस फर्जीवाड़ा में सोनौली के बाल्मीकिनगर वार्ड निवासी दिलशाद इंडो-नेपाल मनी ट्रांसफर का मालिक है। वह फर्जी दस्तावेज के आधार पर नेपाली नागरिकों का महराजगंज जिले के पते का आधार कार्ड बनवाने के लिए प्रत्येक नेपाली नागरिक से दस हजार रुपया में डील करता था। डील फाइनल होने के बाद नेपाली नागरिकों का फर्जी आधार कार्ड बनवाने के लिए कैम्पियरगंज ले जाने के लिए एक ट्रिप का पन्द्रह सौ रुपया देता था। भारतीय फर्जी आधार कार्ड में नेपाली नागरिकों का फोटो व नाम सही रहता है, पता बदल दिया जाता था। फर्जी आधार कार्ड से बैंक में खाता खुलवा कर नेपाली नागरिक उसमें आधार कार्ड लिंक करा देते थे। फिर भारत सरकार के योजनाओं का लाभ उठाते थे। खुलासे में जो बातें सामने आई उसके मुताबिक सौ से अधिक नेपाली नागरिकों का फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाया जा चुका है। इसमें फरेंदा क्षेत्र के कुछ डाक कर्मियों की भी मिलीभगत का मामला सामने आया है।
एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया, पुलिस व साइबर सेल ने नेपाली नागरिकों का फर्जी ढंग से महराजगंज के पते से आधार कार्ड बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश किया है। इसमें एक आरोपित कैम्पियरगंज थाना क्षेत्र व दो सोनौली के रहने वाले हैं। प्रकरण में धोखाधड़ी, अपराधिक षडयंत्र समेत कई गंभीर धारा के अलावा आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई कर तीनों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है। इस मामले में जिनकी भी संल्पितता सामने आएगी उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।