जीएसटी में कागजी कारोबार से फर्जीवाड़ा कर विभाग को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वाली 4181 फर्मों पर संकट आ गया है। करीब 8 माह में वाणिज्य कर विभाग ने इन सभी फर्मों का रजिस्ट्रेशन रद्द कर जांच शुरू कर दी है। इन फर्मों के मालिकों पर कागजी कारोबार कर आईटीसी क्लेम का फर्जी दावा करने और रिटर्न नहीं भरने का आरोप है।
वाणिज्य कर विभाग के सूत्रों के मुताबिक, जीएसटी की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन व्यवस्था के मास्टरमाइंड कारोबारी कागजी कारोबार से वाणिज्य कर विभाग को करोड़ों रुपयों का चूना लगाते हैं। विभाग द्वारा फर्जीवाड़े में लिप्त फर्मों की जीएसटी पोर्टल से जांच कर कार्रवाई की जाती है। इसी क्रम में विभाग ने कोरोना की वजह से लगाए गए लॉकडाउन की अवधि में रजिस्ट्रेशन की बारीकी से जांच कराई। विभागीय अधिकारियों की जांच में पता चला कि मई और जून महीनों के रजिस्ट्रेशन नहीं के बराबर हुए।
जांच में टैक्स चोरी पकड़ी गई
जुलाई से फरवरी तक जीएसटी में पंजीकृत 14, 478 फर्मों की पोर्टल से कारोबारी गतिविधियों पर निगरानी रखी गई तो कागजी और टैक्स चोरी में लिप्त फर्म का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया।
पांच कारोबारी गिरफ्तार भी हो चुके हैं
केंद्रीय माल एवं सेवा कर विभाग ने ढाई माह में फर्जीवाड़ा करने वाले पांच कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। इसमें बैट्री, भवन सामग्री और तंबाकू उत्पाद के कारोबारी हैं। एक-दो पंजीकृत फर्म की आड़ में दर्जनों बोगस फर्म बनाकर करोड़ों का कारोबार किया।
”जीएसटी में ऑनलाइन पंजीकरण लेने की सुविधा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में फरवरी तक जीएसटी पोर्टल तथा विभागीय जांच के आधार पर फर्जीवाड़े में लिप्त 4181 फर्मों का रजिस्ट्रेशन निरस्त किया गया है।” – अरविंद कुमार, अपर आयुक्त, वाणिज्य कर विभाग
जीएसटीएन पोर्टल से पकड़ में आया
जीएसटी के पोर्टल से फर्जीवाड़ा पकड़ में आया विभाग ने सभी संदिग्ध फर्मों के पंजीयन नंबर से जांच शुरू की। जीएसटीएन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन संख्या से सभी फर्मों की जांच की गई। जांच में कारोबार करने की बात सामने आई, लेकिन फर्म द्वारा रिटर्न नहीं भरा जा रहा था। फर्म मालिकों द्वारा परिवहन प्रपत्रों ई वे बिल आदि का प्रयोग दिखाकर कर योग्य बिक्री पर भी आईटीसी क्लेम का दावा किया जा रहा था।
187 फर्म के दो करोड़ 81 लाख ब्लॉक
अपर आयुक्त ने बताया कि इससे पहले फर्जी फर्म और प्रांत से बहर की खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा करने वाली 187 फर्म की आईटीसी को ब्लॉक कर दिया गया। इन सभी संदिग्ध फर्मों द्वारा फर्जी तरीके से दो करोड़ 81 लाख रुपये का क्लेम लेने का दावा किया गया था। जांच के बाद राशि को ब्लॉक कर दिया गया है।
संदिग्ध की जांच जारी
वाणिज्य कर विभाग अन्य प्रदेशों से फर्जी तरीके से खरीद करने वाली 23 संदिग्ध फर्मों की जांच कर रहा है। कंट्रोल रूम से शिकायत में सभी फर्म पर दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात हरियाणा आदि प्रदेशों से फर्जी फर्मों से खरीद-बिक्री का आरोप है। जांच के बाद आईटीसी क्लेम और जीएसटी चोरी की राशि का पता चल सकेगा।