ताजमहल में बम की सूचना से गुरुवार सुबह पुलिस प्रशासन हड़कंप मच गया। 112 नंबर पर किसी ने फोन करके यह सूचना दी कि ताजमहल में बम लगा दिया है। सूचना के तुरंत बाद आनन-फानन में चेकिंग शुरू कराई गई। कॉल आया और पुलिस यह भूल गई कि ताजमहल में सीआईएसएफ की सुरक्षा है। बिना चेकिंग कोई प्रवेश नहीं कर सकता है। इसके बावजूद पर्यटकों को बाहर निकाल दिया गया।
गुरुवार सुबह 7:30 बजे बीडीएस (बम डिस्पोजल स्क्वाड) ने बिना किसी को बताए पूरे ताजमहल को चेक कर लिया था। उसके बाद ये लोग यहां से चले गए। उसके बाद अधिकारियों को जब पता चला तो उन्होंने दोबारा खाली कराकर सर्च अभियान शुरू किया। सीआईएसएफ और पुलिस दोनों के जवान चेकिंग में जुट गए। उधर, जिस नंबर से फोन आया था पहले उसकी लोकेशन अलीगढ़ आ रही थी। अब उसकी लोकेशन फिरोजाबाद आ रही है।
पहले भी मिल चुकी हैं ऐसी सूचनाएं
ताजमहल में बम लगा दिया है। थोड़ी देर में फटेगा। लोगों को बचा सकते हो तो बचा लो। इस तरह की सूचना पहली बार किसी सिरफिरे ने पुलिस को नहीं दी है। वर्ष 2008 में तमिलनाडू से एक व्यक्ति ने फोन किया था। उसके बाद पुलिस प्रशासन के होश उड़ गए थे। कुछ इसी अंदाज में दहशत फैली थी। पुलिस ने फोन करने वाले को दक्षिण भारत में दबिश देकर पकड़ा था। वह सिरफिरा था। पुलिस को परेशान करने के लिए उसने ऐसा किया था। ताजमहल ही नहीं अन्य स्थानों पर भी बम रखने की पूर्व में कई बार सूचनाएं मिली हैं। पुलिस का तरीका यही है। बीडीएस टीम मौके पर जाती है। चेकिंग करती है। लावारिस वस्तु मिलने पर भी ऐसा ही किया जाता है। गुरुवार को पुलिस और सीआईएसएफ के जवान खुद भी घबरा गए। इसलिए ताजमहल खाली करा दिया गया।