संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग (यूएनएचआरसी) में एक बार फिर भारत ने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को बेनकाब किया है तो जम्मू-कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी को भी जवाब दिया। यूएन में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव ने बताया कि किस तरह पाकिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है और मुंह खोलने वालों पर हमले किए जाते हैं। भारतीय प्रतिनिधि पवन कुमार बाधे ने कहा कि पाकिस्तान में मुंह खोलने वालों को सुरक्षा एजेंसियों किस तरह जबरन गायब कर रही हैं, हत्याएं की जा रही हैं और मनमाने तरीके से बंधक बनाया जा रहा है।
भारतीय मिशन के फर्स्ट सेक्रेटरी पवन कुमार बाधे ने कहा, ”पाकिस्तानी नेताओं ने स्वीकार किया है कि यह आतंकवादियों के उत्पदान की फैक्ट्री है। पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के उल्लंघन का सबसे खराब रूप है और आतंकवाद के समर्थक सबसे अधिक मानवाधिकारों को कुचल रहे हैं।”
उन्होंने यूएनएचआरसी के मंच के दुरुपयोग को लेकर भी पाकिस्तान को फटकार लगाई और कहा, ”भारत के खिलाफ प्रॉपेगेंडा के लिए पाकिस्तान इस पवित्र मंच का जानबूझकर दुरुपयोग करता है, ताकि वह काउंसिल का ध्यान अपने देश के मानवाधिकार उल्लंघनों से भटका सके।”
पवन कुमार ने आगे कहा, ”हम ओआईसी (इस्लामिक सहयोग संगठन) के बयान में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के संदर्भ को खारिज करते हैं। जम्मू-कश्मीर से संबंधित मामलों पर टिप्पणी करने का इसके पास कोई अधिकार नहीं है, जोकि भारत का आंतरिक और अभिन्न हिस्सा है।” उन्होंने आगे कहा, ”यह खेदजनक है कि ओआईसी पाकिस्तान के भारत विरोधी प्रॉपेगेंडा में खुद का इस्तेमाल होने दे रहा है।”