केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। इसी बीच दूध की कीमत 100 रुपए लीटर करने के ऐलान पर संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि उसने किसानों से 1 से 5 मार्च के बीच दूध नहीं बेचने और बाद में दाम बढ़ाने जैसा कोई आह्वान नहीं किया है। किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे मोर्चा ने साफ किया कि उनके नाम पर गलत संदेश वायरल किया जा रहा है, किसान इसे नजरअंदाज करें।
संयुक्ता किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया- संयुक्त किसान मोर्चा स्पष्ट करता है कि किसानों द्वारा 1-5 मार्च के बीच दूध की बिक्री के बहिष्कार और 6 तारीख से दूध की कीमत 100 रुपये प्रति लीटर करने सम्बधी सयुंक्त किसान मोर्चे ने कोई आह्वान नहीं किया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से गलत तरीके से सोशल मीडिया पर एक संदेश वायरल हो रहा है और इस संदर्भ में स्पष्टीकरण दिया जा रहा है कि यह मैसेज गलत है। किसानों से अनुरोध है कि वे इस तरह के गलत संदेश को नजरअंदाज करें, जो उन्हें संयुक्त किसान मोर्चा के नाम से मिल रहा है।
वायरल मैसेज को अफवाह बताया
बता दें कि सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल हो रहा था जिसमें कहा जा रहा था कि जब पेट्रोल के दाम 100 रुपये लीटर पहुंच सकते हैं तो दूध के दाम 100 रुपये लीटर क्यों नहीं हो सकता? मैसेज में दावा किया गया था कि कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने दूध के दाम को बढ़ाने का फैसला किया है। फिलहाल, संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर वायरल मैसेज को महज अफवाह बताया है।