भाभी से छेड़छाड़ करने के आरोपी युवक को अदालत ने जमानत दे दी है। अदालत ने कहा है कि इस मामले मे भाभी की तरफ से कहा गया कि उसका समझौता हो गया है, इसलिए वह ससुराल वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहती है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए अदालत ने आरोपी देवर को जमानत दे दी।
रोहिणी स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर मलिक की अदालत ने आरोपी को 20 हजार रुपए के निजी मुचलके एवं इतने ही रुपए मूल्य के जमानती के आधार पर जमानत दी है। अदालत ने अपने आदेश में कहा है कि इस मामले में विवाद पति-पत्नी के बीच था। शादी के बाद महिला केवल 20 दिन पति व ससुराल वालों के साथ रही। उसके बाद उसने यह प्राथमिकी दर्ज करा दी थी। अब चूंकि इनके बीच समझौता हो गया है।
महिला की तरफ से उसके वकील ने अदालत को बताया कि उनकी मुवक्किल व उसके पति ने आपसी सहमति से तलाक लेने का निर्णय किया है। इसके लिए फैमिली अदालत में तलाक की याचिका भी दायर कर दी गई है। इसलिए उनकी मुवक्किल किसी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की इच्छुक नहीं है। इसलिए आरोपी की जमानत याचिका को मंजूर किया जा रहा है। इस मामले के अन्य आरोपियों को भी अदालत पहले ही जमानत दे चुकी है। पति को भी राहत दे दी गई है।
अदालत ने पीड़िता के बयानों को अहम मानते हुए यह निर्णय किया है। इस मामले में शिकायतकर्ता ने पति पर अप्राकृतिक यौन संबंध बनाने का आरोप लगाया था। चूंकि अब दोनों के बीच समझौता हो गया है और दोनों ने आपसी सहमति से तलाक के लिए याचिका दायर कर दी है तो अदालत ने भी प्राथमिक स्तर पर राहत देते हुए न केवल देवर बल्कि पति को भी जमानत देने का निर्णय किया है।